नई दिल्ली: नीतीश कुमार ने महागठबंधन से रिश्ता तोड़ने के साथ लालू यादव ने नीतीश पर आरोपों की बौछार कर दी। लालू यादव ने नीतीश कुमार की जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि उनपर कई संगीन आरोप हैं। ईमानदारी की बात करने वाले नीतीश कुमार पर हत्या और आर्म्स एक्ट का मामला चल रहा है। आइए अब आपको बताते हैं कि आखिर लालू प्रसाद यादव ने नीतीश पर जो हत्या और हथियार रखने के आरोप लगाए उसकी पूरी कहानी। 1991 लोकसभा उपचुनाव में हुई थी हत्यानीतीश कुमार पर दर्ज हत्या का मामला करीब 26 साल पुराना है। 16 नवंबर, 1991 में लोकसभा का उपचुनाव हो रहा था। नीतीश कुमार इस चुनाव में जनता दल के प्रत्याशी के तौर पर मैदान में थे। उसी दिन वोटिंग खत्म होने से कुछ समय पहले नीतीश कुमार अपने कुछ साथियों के साथ पंडारख थाने के ढीबरा गांव स्थित बूथ पर पहुंचे। इसी दौरान बूथ पर फायरिंग हो गई और ढीबर के कांग्रेस कार्यकर्ता सीताराम सिंह की मौत हो गई। ये भी पढ़ें- नीतीश के तीर ने फोड़ी लालू की लालटेन, सोशल मीडिया पर जमकर ट्रेंड हथियार लेकर साथियों के साथ पोलिंग बूथ पर गए नीतीश ढीवार के ही रहने वाले अशोक सिंह ने नीतीश कुमार और उनके साथियों पर हत्या और हथियार के साथ बूथ पर आने का मामला दर्ज करवाया। इस एफआईआर में नीतीश कुमार, तत्कालीन मोकामा विधायक दिलीप सिंह, योगेंद्र यादव, दुलारचंद यादव और बौधु यादव को आरोपी बनाया। अशोक कुमार के मुताबकि ये सभी लोग हथियारों से लैस थे और सीताराम को वोट नहीं डालने दे रहे थे। इसी दौरान नीतीश ने फायरिंग की और सीताराम की मौत हो गई। दौरान चार अन्य लोग भी जख्मी हुए थे। ये भी पढ़ें- नीतीश की घर वापसी पर अखिलेश की चुटकी… ना ना करते प्यार तुम्ही से कर बैठे 2009 में दुबारा केस का शुरु हुआ ट्रायल इस मामले के 18 साल बाद 2009 में यह मामला तब प्रकाश में आया जब 1 सितंबर,2009 को बाढ़ कोर्ट के तत्कालीन अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रंजन कुमार ने नीतीश कुमार के खिलाफ इस मामले के ट्रायल का आदेश दिया। इस वक्त नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री थे। इसके बाद 31 अगस्त, 2010 को अशोक के बयान और दो अन्य गवाहों को पेश किया गया। नीतीश ने आरोप रद्द करने की लगाई याचिक केस ओपेन होने से नीतीश परेशान हो गए और हाईकोर्ट में याचिका लगाकर मामले को रद्द करने की अर्जी दी। हाईकोर्ट ने लोवर कोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया। इसके साथ ही केस में नीतीश के खिलाफ चल रहे सभी मामलों को स्थानांतरित करने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद करीब 8 वर्षों तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। ये भी पढ़ें- नीतीश ने सुशील मोदी का चेहरा लगाकर छल किया- लालू शपथ पत्र में नीतीश ने किया जिक्र लालू ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार के एमएलसी चुनाव के दौरान दाखिल किए गए शपथ पत्र का जिक्र किया है। इस शपथ पत्र के मुताबिक नीतीश ने स्वीकार किया है कि उनपर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 302 और 307 के साथ 27 आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा चल रहा है, जो 16 नवंबर 1991 को दर्ज हुआ था