नई दिल्लीPublished: Mar 17, 2023 06:28:45 pm
Prabhanhu Ranjan
आई एम सॉरी मम्मी-पापा। मैं इंजीनियर नहीं बन सकती। मुझसे पढ़ाई नहीं हो रही है। मैं बहुत दबाब में हूं, इसलिए मैं यह कदम उठा रही है। ऐसा लेटर लिखकर इंजीनियरिंग की एक स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया।
बच्चे ने पढ़ाई शुरू भी नहीं की कि घरवाले उसे डॉक्टर-इंजीनियर बनाने का ख्वाब देखने लग जाते हैं। फिर बच्चे पर इस ख्वाब को सच करने का दवाब बनाया जाने लगता है। घरवाले बेटा-बेटी यह नहीं पूछते कि तुम क्या बनना चाहते हो, तुम्हारी किस फिल्ड में रुचि है? बस स्टेटस ऑफ सिंबल और बच्चे का भविष्य उज्ज्वल होने के बहाने में परिजन बच्चों को इस तरह से बड़ा करते हैं कि तुम्हें कल यहीं बनना है। इस परेशानी में जूझते हुए कई बच्चे तिल-तिल कर आगे बढ़ते हैं तो कई जिंदगी से नाराज होकर मौत को गले लगा लेते है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है हरियाणा के पानीपत जिले से। यहां इंजीनियरिंग की एक स्टूडेंट ने चार मंजिल वाले बिल्डिंग से कूद कर अपनी जान दे दी। घटना गुरुवार की है। मरने वाली लड़की की पहचान जाह्नवी के रूप में हुई है। जाह्नवी 20-21 साल की थी। उसकी मौत के बाद घर में मातम पसरा है।