सूत्रों ने बताया कि बचाए गए दस लोगों को गंभीर स्थिति में पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है
पटना। बिहार की राजधानी पटना के गांधी घाट के सामने गंगा दियारा में मकर संक्रांति के अवसर पर राज्य सरकार की ओर से आयोजित पतंग महोत्सव में शामिल होने के बाद लौट रहे लोगों की नौका एनआइटी घाट के निकट डूब गई जिसमें 21 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लापता हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दियारा से लौट रही एक नाव देर शाम एनआइटी घाट के पास गंगा नदी में डूब गई।
नौका में 60 से 70 लोग सवार थे, जिसमें से कुछ लोग तैरकर बाहर निकल आए, जबकि 21 की लोगों की डूबकर मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि दुर्घटना की जानकारी मिलते ही एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई और कुछ लोगों को लाइफ जैकेट तथा ट्यूब फेंक कर बचा लिया गया। बचाए गए दस लोगों को गंभीर स्थिति में पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें अधिकांश बच्चे और महिलाएं हैं।
उधर लापता लोगों की तलाश में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगी हुई है। पटना के जिलाधिकारी और वरीय पुलिस अधीक्षक घटनास्थल पर ही कैम्प कर रहे हैं। मृतकों में जिनकी पहचान हो गई है उनमें मंजू देवी, सीमा कुमारी, पिंकी कुमारी, नीलम देवी, मोहम्मद अरमान और रूही शामिल हैं।
पतंग उत्सव का आयोजन रद्द, नौका दुर्घटना की जांच का आदेश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा नदी में नौका दुर्घटना के बाद दियारा क्षेत्र में आयोजित पतंग उत्सव को रद्द करने के साथ दुर्घटना की जांच का आदेश दिया है। कुमार ने नाव डूबने की घटना पर गहरा दुख एवं संवेदना व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव एवं जिला प्रशासन को घायलों के समुचित इलाज के लि, त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश
दिया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, पटना के पुलिस उप महानिरीक्षक शालीन और पटना के जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल को राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने तथा इस पूरे प्रकरण की संयुक्त रूप से जांच करने का भी निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे यह भी देखें कि दियारा क्षेत्र में क्या आयोजन था और इसके लि, आयोजक द्वारा क्या समुचित व्यवस्था की गई थी या नहीं। उन्होंने दियारा क्षेत्र में सभी आयोजनों को भी रद्द करने का निर्देश दिया। कुमार ने जिला प्रशासन को सभी मृतकों के आश्रितों को अविलम्ब अनुग्रह राशि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री स्वयं स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।