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ठंड में भी पानी के लिए बहा रहे पसीना

locationसिवनीPublished: Dec 25, 2015 06:14:00 am

Submitted by:

Prashant Sahare

पत्रिका. जिले को जल अभावग्रस्त पहले ही घोषित किया जा चुका है, शहरी इलाकों में समस्या उतनी गंभीर नहीं है, जितनी ग्रामीण इलाकों में। जिले के कई गांव में जलसंकट की स्थिति बनी हुई है, लोगों को पसीना बहाने के बाद पानी मिल पा रहा है। इससे निपटने के लिए शासन प्रयास तो कर रहा […]


पत्रिका. जिले को जल अभावग्रस्त पहले ही घोषित किया जा चुका है, शहरी इलाकों में समस्या उतनी गंभीर नहीं है, जितनी ग्रामीण इलाकों में। जिले के कई गांव में जलसंकट की स्थिति बनी हुई है, लोगों को पसीना बहाने के बाद पानी मिल पा रहा है। इससे निपटने के लिए शासन प्रयास तो कर रहा है, लेकिन हालात कहीं अब भी बेहतर नहीं हुए हैं। इसे बिडम्बना ही कहेंगे कि शासन पेयजल व्यवस्था को सुधारने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर चुका है, लेकिन पीएचई विभाग की लापरवाही के कारण अब तक हजारों ग्रामीणों को नल-जल योजनाओं का लाभ सही ढंग से नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते ग्रामीण ठण्ड में भी प्यासे नजर आ रहे हैं। यही कुछ हाल जिले के आदिवासी ब्लॉक कुरई की ग्राम पंचायत ऐरमा, ग्राम पंचायत जोगीवाड़ा के बने हुए हैं। जिले के ग्रामीण अंचलों में कई पेयजल टंकियां लापरवाही के चलते बंद पड़ी हुई हैं। इनसे पानी सप्लाई नहीं होती, जिसके चलते यह टंकियां सिर्फ ग्रामीणों के लिए शो-पीश साबित हो रही हैं।



खराब पड़े हैं हैण्डपंप

कुरई ब्लॉक का ऐरमा, ग्राम पंचायत जोगीवाड़ा ही नहीं इसी तरह की गई और पंचायतों में पानी की समस्या गहरी है। हैण्डपंप तकनीकी खराबी के कारण बंद पड़े हैं। जिन्हें सुधारने के लिए पीएचई विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। वहीं इस समस्या को पंचायत भी नजर अंदाज कर रही हैं। लिहाजा आज भी ग्रामीणों को पेयजल की व्यवस्था करने के लिए एक, डेढ़ और दो किमी दूर तक जाना पड़ रहा है। ठण्ड में भी ग्रामीण पेयजल के लिए परेशान हैं।



नहीं होती सुनवाई


ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत से लेकर पीएचई और प्रशासनिक अधिकारियों तक इस समस्या से अवगत कराया जा रहा है। लेकिन सार्थक समाधान नहीं हो पाया है। अब ऐसे में आखिर ग्रामीण अपनी समस्या लेकर जाएं तो जाएं कहां। ग्रामीण बताते हैं कि उन्हें अपनी छोटी-छोटी समस्या लेकर सिवनी जाना पड़ता है, फिर भी समाधान नहीं हो पाता है, क्योंकि पदस्थ अधिकारी मिलते ही नहीं।

करोड़ों रुपए पानी में

शासन द्वारा ग्रामीण अंचलों में जलसंकट से निपटने के लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह बजाए गए, लेकिन नतीजा बहुत फायदेमंद नहीं मिल रहा। कुरई जनपद क्षेत्र के ग्राम ऐरमा, जोगीवाड़ा, बुड्ढी, ग्वारी, बादलपार, करहैया, चक्कीखमरिया आदि ग्राम में अब भी पानी की सुविधा समुचित नहीं हो पाई है, लोगों को हर दिन पानी ही ढुलना पड़ रहा है।

बोर बंद, पानी को तरसे लोग

सिवनी जनपद की ग्राम पंचायत फुलारा के मरझोर में लोग पानी की त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। हैण्डपंप खराब होने से ग्रामीणों को भरी ठण्ड में जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत फुलारा में नलजल योजना के अंतर्गत लाखों रुपए की लागत से शुरु की गई योजना ठप है, ऐसे में मरझोरवासियों को पेयजल के लिए मशक्कत करना पड़ रहा है। यही कुछ हाल ग्राम पंचायत जाम, मुंगवानी, कोहका, बींझावाड़ा सहित अन्य जगह भी पानी की समस्या बनी हुई है।
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