नोटरीकृत हलफनामे में किया खुलासा
प्रोफेसर ने इस बारे में एक नोटरीकृत हलफनामे में दावा किया है। मीडिया रिपोर्टों में प्रोफेसर की कंप्लेंट की कॉपी के आधार पर कहा जा रहा है कि स्नेहल वहां की प्रथम वर्ष की छात्रा है। उसे पिछले वर्ष 12 दिसंबर से 26 दिसंबर के बीच पांच पेपर देने थे। असिस्टेंट प्रोफेसर का आरोप है कि इन परीक्षाओं में स्नेहल की जगह उन्हें पेपर देने के लिए कहा गया। उनका ये भी आरोप है कि उन्हें बाकी छात्रों से अलग कमरे में बैठाया गया था। यही नहीं उसके अलावा एक और प्रोफेसर भी इसमें शामिल था जिसने उन्हें एक किताब से सभी उत्तर लिखने के निर्देश दिए थे।
कॉलेज प्रशासन का बयान
वहीं इस मामले में कॉलेज प्रशासन का कहना है कि वो प्रोफेसर वहां कार्यरत नहीं है, उसका मई के आखिरी सप्ताह में ही करार खत्म हो गया था। अधिकारियों का कहना है कि उसे कई बार फोन किया गया लेकिन उनका कोई जवाब नही आया। बता ये प्रोफेसर उस कॉलेज में केमिस्ट्री पढ़ाया करते थे।
मानहानि का दावा करेंगे: जयेश कटकर
इस मामले की रिपोर्ट को महाराष्ट्र के गवर्नर सी विद्यासागर राव ने संज्ञान में लिया है और इसके जांच के भी आदेश दे दिए गए हैं। दूसरी तरफ जयेश ने इन आरोपों को झूठा बताया है और उनका कहना है कि हम पूछताछ कमिटी का सामना करने को तैयार हैं। लेकिन उन्होंने ये चेतावनी भी दी है कि एक बार आरोप गलत साबित हो जाने पर हम मानहानि का केस दर्ज कराएंगे।