इटावा

सैफई मेडिकल कॉलेज में रैगिंग, सिर मुंडवाकर कराया सलाम, कुलपति ने रैगिंग को बताया संस्कार

उत्तर प्रदेश के इटावा में सैफई मेडिकल कॉलेज से कथित रैगिंग का मामला सामने आया है।

इटावाAug 20, 2019 / 09:20 pm

Neeraj Patel

सैफई मेडिकल कॉलेज में रैगिंग, सिर मुंडवाकर कराया सलाम, कुलपति ने रैगिंग को बताया संस्कार

इटावा. उत्तर प्रदेश के इटावा में सैफई मेडिकल कॉलेज से कथित रैगिंग का मामला सामने आया है। सैफई मेडिकल कॉलेज से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें जूनियर छात्र सिर मुंडवाये कॉलेज परिसर में घूमते नजर आ रहे हैं। इस मामले पर कॉलेज के वाइस चांसलर ने कहा कि अगर कोई अनुशासन हीनता हुई है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। छात्र कम से कम अपने वार्डन से कॉन्टेक्ट कर सकते हैं। मैं इस पर नजर रखूंगा।

वीडियो में सिर मुंडवाये सभी छात्र कैंपस में एक लाइन से चलते दिख रहे हैं, उन्होंने व्हाइट ड्रेस पहन रखी है और कंधे पर बैग टांगा हुआ है। इसी वीडियो में एक नजारा ऐसा भी है, जब सभी छात्र झुककर सलाम करते हैं। अब देखना ये होगा कि इस मामले पर कॉलेज प्रशासन या सरकार क्या कार्रवाई करती है।

एंटी रैगिंग टीम करेगी जांच

सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई में बने मेडिकल विश्वविद्यालय में रैगिंग का मामला सामने आया है। यहां एमबीबीएस प्रथम वर्ष में दाखिला लेने वाले 150 छात्रों के सिर मुंडवा दिए गए हैं। जब वे अपनी क्लास में आते हैं तो उन्हें सिर झुकाकर चलना होता है। साथ ही हॉस्टल की तरफ दूर से ही झुककर प्रणाम करते हैं। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। कुलपति ने रैगिंग को एक संस्कार बताया है। कहा कि अब रैगिंग नहीं होती है। यदि ऐसा यहां कोई मामला है तो एंटी रैगिंग टीम जांच करेगी।

छात्र अलग ही अंदाज में नजर आए

सैफई में आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय स्थापित है, जिसे मिनी पीजीआई भी कहा जाता है। यहां मेडिकल की पढ़ाई होती है। सत्र प्रारंभ हो गया है। मंगलवार को यहां एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र अलग ही अंदाज में नजर आए। सभी छात्रों के सिर मुंडवा दिया गया था। एक लाइन में चलते हुए छात्र अपनी क्लास में पहुंचे। इस दौरान उनके सिर झुके हुए थे। इसके साथ ही हॉस्टल की तरफ जाते समय निश्चित दूरी पर झुककर हाथों से प्रणाम करते हुए भी नजर आए।

रैगिंग को बताया संस्कार

कुलपति डॉक्टर राजकुमार से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने रैगिंग को एक संस्कार बताया। कहा कि, रैगिंग हमारे समय में होती थी। हमारे सीनियर्स रैगिंग करते थे व पढ़ाई में पूरा सहयोग भी करते थे। विश्वविद्यालय में रैगिंग जैसा कोई मामला सामने नहीं आया है। यदि किसी छात्र को कोई परेशानी है तो उसे एंटी रैगिंग कमेटी से शिकायत करनी चाहिए। नाम व पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

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