पूरी तैयारी से वहां पहुंचे थे चाऊ
पूछताछ में मछुआरों ने पुलिस को जानकारी दी कि चाऊ 14 नवंबर को ही सेंटीनेल द्वीप तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन आखिरकार 16 तारीख को वहां पहुंचने में सफल हुए। पूरी तैयारी से वहां पहुंचे चाऊ ने नाव को रास्ते में ही छोड़ दिया था। लेकिन टेंट लगाने का सामान लेकर चाऊ ने जैसे ही द्वीप में कदम रखा, उन पर धनुष-बाण से हमला कर दिया गया।
रेत में दफना दिया था शव
जानकारी के मुताबिक इस नागरिक को मारने के बाद आदिवासियों उसके शव को समुद्र तट के पास रेत में दबा दिया। बताया जा रहा है कि आदिवासी यहां तक उसके शव को रस्सी से घसीटते हुए ले गए थे। ये भी जानकारी मिल रही है कि अंडमान निकोबार द्वीप समूह के अधिकारियों ने चाऊ के शव का पता लगाने के लिए हेलिकॉप्टर भेजे थे। हालांकि वे सेंटीनलीज के हमले की वजह से द्वीप में उतर नहीं सके।
नागरिक की पहचान जॉन ऐलन चाऊ के रूप में हुई
उधर, मारे गए अमरीकी नागरिक की पहचान जॉन ऐलन चाऊ के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि वह बीते सालों में कई बार अंडमान आ चुके थे। चाऊ एक उपदेशक थे, जो सेंटीनलीज के लोगों से बातचीत करके उनका धर्म परिवर्तन कराना चाहते थे। इस घटना की जानकारी उस समय लगी जब स्थानीय मछुआरों ने उत्तरी सेंटिनल आईलैंड पर एक शव होने की सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके से अमरीकी नागरिक का शव बरामद कर लिया।
बाहरी के साथ कोई संबंध रखते हैं इस द्वीप पर रहने वाले जनजाति
आपको बता दें कि सेंटिनल द्वीप में रहने वाली जनजाति काफी खतरनाक समझी जाती है। यह एक ऐसी रहस्यमय आदिम जनजाति जो प्रशांत महासागर के नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड पर निवास करती है। जानकारी के अनुसार इस जन जाति का आज के युग से बिल्कुल कटी हुई है और इसका आज के समाज के किसी भी सदस्य से कुछ भी लेना-देना नहीं है। यहां तक कि इस जनजाति के लोग ना तो किसी बाहरी के साथ कोई संबंध रखते हैं और न ही किसी को अपने समाज में कोई हस्तक्षेप करने देते हैं।