क्राइम

भारत के लिए खतरनाक था प्रतिबंधित सिमी का ‘प्लान-SIM’, दिल्ली पुलिस ने खोली परतें

यह सनसनीखेज खुलासा दिल्ली पुलिस के शिकंजे में आए इंडियन मुजाहिदीन के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी अब्दुस सुभान कुरैशी उर्फ तौकीर ने एनआईए की पूछताछ में किया है।

Jul 16, 2018 / 11:42 am

प्रीतीश गुप्ता

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नई दिल्ली। इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े प्रतिबंधित संगठन सिमी (स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) ने भारत को दहलाने के लिए एक नई कवायद शुरू कर दी थी। नई जानकारी के मुताबिक सिमी (SIMI) ने अपने नाम से ‘I’ हटाकर खुद को नए नाम ‘SIM’ से संगठित करने की कोशिश की थी। यह सनसनीखेज खुलासा दिल्ली पुलिस के शिकंजे में आए इंडियन मुजाहिदीन के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी अब्दुस सुभान कुरैशी उर्फ तौकीर ने एनआईए की पूछताछ में किया है। सरकार द्वारा सिमी पर सख्ती बरतने के बाद प्रतिबंधित संगठन खुद को नए नाम के जरिए दुनिया के बड़े आतंकी संगठन से जुड़ने की कोशिश में था। सिमी और इंडियन मुजाहिदीन एक ही जैसे थे क्योंकि इनके सरगना और आतंकी आमतौर पर एक ही होते थे। दोनों को जनवरी में पकड़ा गया था।
जुलाई 2006 में हुई थी बड़ी बैठक

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, कुरैशी सिमी और आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन को फिर से सक्रिय करने दिल्ली आया था। बताया जाता है कि इसी ने रियाज भटकल के साथ मिलकर इंडियन मुजाहिदीन की स्थापना की थी। दोनों आतंकी संगठनों के लिए फंडिंग का काम संभालते थे। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुरैशी ने एनआईए को जानकारी मिली है कि उज्जैन में कमरूद्दीन नागौरी के फॉर्म हाउस में जुलाई 2006 में एक बैठक की थी, जिसमें सफदर नागौरी और उसका भाई कमरूद्दीन, आमिल परवेज, इकरार शेख बेग, शिब्ली, हाफिज हुसैन, ऐहतेशाम सिद्दीकी, शाहबाज हिंदी और कुरैशी मौजूद थे। बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि शाहिद बदर फलाही के हाथों में संगठन आगे नहीं जा सका है और हमें नए संगठन बनाने की जरूरत महसूस हुई। इस संगठन के जरिए दुनिया के मुजाहिद्दीन समूहों से जुड़ने पर भी चर्चा हुई।’
साजिश की अहम घटनाएं

– अक्टबूर 2007 में हुबली के पास कैस्टल रॉक में एक बैठक हुई, जिसमें शहबाज हिंदी को sim का सरगना घोषित किया।

– इसी बैठक में नेपाल में स्थाई ट्रेनिंग कैंप बनाने का भी फैसला किया गया हालांकि पैसे की कमी से ऐसा नहीं हो पाया।
– 2007 में कई शहरों में हुए सिलसिलेवार धमाकों के पीछे भी एनआईए ने सिमी का ही हाथ बताया था, हालांकि पुलिस और खुफिया ऑपरेशनों के बाद यह कमजोर हो गया था।
– कुरैशी ने मध्य प्रदेश, हैदराबाद, कर्नाटक, केरल, गुजरात, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में फंडिंग के लिए जमकर काम किया था।
– कर्नाटक, मध्य प्रदेश, केरल और गुजरात में कई ट्रेनिंग कैंप हुए, जिनमें हिंदी, नागौरी समेत संगठन के शीर्ष लोगों ने हिस्सा लिया था। इन कैंपों में भाषण, शूटिंग प्रैक्टिस और अन्य शारीरिक अभ्यास भी कराए गए थे।’
– एजेंसियों का दावा है कि कुरैशी सिमी और इंडियन मुजाहिदीन की गतिविधियों में शामिल था और वह पाकिस्तान स्थित आतंकी आकाओं से भी संपर्क में था।

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