सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में मंगलवार को मुम्बई की अदालत ने अमित शाह के बाद आईपीएस दिनेश एम. एन. और गुजरात पुलिस के पूर्व डीआईजी डीजी वंजारा को भी बरी कर दिया।
मुंबई। सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में मंगलवार को मुम्बई की अदालत ने
अमित शाह के बाद आईपीएस दिनेश एम. एन. और गुजरात पुलिस के पूर्व डीआईजी डीजी वंजारा को भी बरी कर दिया। डिस्चार्ज एप्लीकेशन पर बहस के बाद कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव के चलते दोनों आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया। वर्तमान में वे राजस्थान एसओजी में आईजी के पद पर कार्यरत हैं। मामले में सीबीआई ने कोर्ट में पेश चार्जशीट में बताया था कि सोहराबुद्दीन का एनकाउंटर नहीं हुआ था, यह एक सुपारी किलिंग था। सोहराबुद्दीन राजस्थान के मार्बल व्यवसायियों से वसूली कर रहा था। उसने आरके मार्बल के मालिक विमल पाटनी से वसूली के लिए धमकी दी थी।
विमल पाटनी ने दी थी सोहराबुद्दीन की सुपारी
आरके मार्बल के मालिक विमल पाटनी ने गुजरात के तत्कालीन मंत्री और वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष
अमित शाह और राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया से संपर्क किया था। सीबीआई चार्जशीट के अनुसार सोहराबुद्दीन की हत्या की सुपारी विमल पाटनी ने दी थी और हत्या
अमित शाह और कटारिया के कहने पर गुजरात और राजस्थान की पुलिस ने की थी। सीबीआई ने इस मामले में तीन राज्यों के 35 लोगों को आरोपी बनाया था। जिसमें वर्तमान भाजपा के अध्यक्ष
अमित शाह, राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया सहित कई लोगों को बरी कर दिया गया है।
डिस्चार्ज एप्लीकेशन पहले हो गई थी खारिज
हालांकि, एक दिन पूर्व ही सोमवार को पुलिस को उस समय झटका लगा था जब
उदयपुर के एसआई हिमांशु सिंह और श्याम सिंह की डिस्चार्ज एप्लीकेशन को मुंबई कोर्ट ने खारिज कर दिया। इससे करीब एक सप्ताह पहले कोर्ट ने पुलिस निरीक्षक अब्दुल रहमान की डिस्चार्ज एप्लीकेशन को भी खारिज कर दिया था। जिन तथ्यों के आधार पर कोर्ट ने 13 लोगों को बरी किया, उन्हीं तथ्यों के आधार पर राजस्थान के निरीक्षक अब्दुल रहमान, एसआई हिमांशु सिंह और श्याम सिंह ने धारा 197 में डिस्चार्ज एप्लीकेशन लगाई थी, जिसे कोर्ट ने नहीं माना था।
दलपत सिंह हो चुके हैं रिहा
रहमान के आवेदन के खारिज होने से एक दिन पहले 24 अगस्त को हेड कांस्टेबल दलपत सिंह को कोर्ट ने रिहा किया था। ऐसे में सभी के बरी होने की उम्मीदें बढ़ गई थीं, लेकिन बाद में अब्दुल रहमान, हिमांशु सिंह और श्याम सिंह की डिस्जार्च एप्लीकेशन अदालत ने खारिज कर दी।