ज्यादातर शिकार हो रहे किसान
फसलों के कम दाम, भावांतर का अटका भुगतान, प्राकृतिक आपदा, सुगर मिलों से एक साल से अटका भुगतान और अन्य कारणों से किसानों को सूदखोरों से मनमाने ब्याज पर रुपया लेने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है जिससे एक ओर जिले में सूदखोरों की संख्या बढ़ती जा रही है वहीं दूसरी ओर किसान समय पर ब्याज व मूलधन न चुका पाने की वजह से अपनी कीमती जमीन कौडिय़ों के भाव बेचने को मजबूर हो रहे हैं। हत्या और आत्महत्या के बीच उलझी राजेंद्र उफ राजू काछी की मौत को लेकर यह बात सामने आई है कि उसने अपनी जरूरत के लिए सूदखोरों से ब्याज पर रुपया लिया था। खेती में घाटा लगने की वजह से वह समय पर ब्याज और मूलधन नहीं चुका सका जिसकी वजह से सूदखोरों ने उस पर दबाव बनाया और करीब ४० लाख की कृषि भूमि १८ लाख में अपने नाम रजिस्ट्री करा ली थी। इसके बाद भी न ब्याज कम हुआ और न मूलधन कम हुआ अंतत: उसके जीवन का अंत हो गया।
फसलों के कम दाम, भावांतर का अटका भुगतान, प्राकृतिक आपदा, सुगर मिलों से एक साल से अटका भुगतान और अन्य कारणों से किसानों को सूदखोरों से मनमाने ब्याज पर रुपया लेने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है जिससे एक ओर जिले में सूदखोरों की संख्या बढ़ती जा रही है वहीं दूसरी ओर किसान समय पर ब्याज व मूलधन न चुका पाने की वजह से अपनी कीमती जमीन कौडिय़ों के भाव बेचने को मजबूर हो रहे हैं। हत्या और आत्महत्या के बीच उलझी राजेंद्र उफ राजू काछी की मौत को लेकर यह बात सामने आई है कि उसने अपनी जरूरत के लिए सूदखोरों से ब्याज पर रुपया लिया था। खेती में घाटा लगने की वजह से वह समय पर ब्याज और मूलधन नहीं चुका सका जिसकी वजह से सूदखोरों ने उस पर दबाव बनाया और करीब ४० लाख की कृषि भूमि १८ लाख में अपने नाम रजिस्ट्री करा ली थी। इसके बाद भी न ब्याज कम हुआ और न मूलधन कम हुआ अंतत: उसके जीवन का अंत हो गया।
दो माह पहले सूदखोरी ने ली थी एक और किसान की जान
कोतवाली थाना क्षेत्र के राम पिपरिया गांव में कर्ज से परेशान एक किसान ने २६ नवंबर को खेत में एक पेड़ पर फांसी का फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली थी। एकम केवट ४९ वर्ष ने अपने खेत के एक पेड़ पर फांसी लगा ली थी। जानकारी के अनुसार किसान पर डेढ़ लाख का कर्ज था और जेवर एक साहूकार के यहां गिरवी रखे हुए थे। साहूकार का कर्ज नहीं चुका पाने की वजह से किसान ने फांसी लगा ली थी। इससे पहले धमना गांव के किसान लक्ष्मी प्रसाद गुमाश्ता ने कर्ज से दबे होने के कारण आत्महत्या कर ली थी।
कोतवाली थाना क्षेत्र के राम पिपरिया गांव में कर्ज से परेशान एक किसान ने २६ नवंबर को खेत में एक पेड़ पर फांसी का फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली थी। एकम केवट ४९ वर्ष ने अपने खेत के एक पेड़ पर फांसी लगा ली थी। जानकारी के अनुसार किसान पर डेढ़ लाख का कर्ज था और जेवर एक साहूकार के यहां गिरवी रखे हुए थे। साहूकार का कर्ज नहीं चुका पाने की वजह से किसान ने फांसी लगा ली थी। इससे पहले धमना गांव के किसान लक्ष्मी प्रसाद गुमाश्ता ने कर्ज से दबे होने के कारण आत्महत्या कर ली थी।