श्रीराम सेना ने वाघमोरे को आरएसएस का सदस्य बताया था
मामले की जांच कर रही एसआइटी ने शनिवार को इस सिलसिले में मुख्य आरोपी परशुराम के पिता और श्रीराम सेना के विजयपुरा जिला अध्यक्ष राकेश मथ से पूछताछ की थी। पूछताछ में श्रीराम सेना ने कहा था कि उसका परशुराम वाघमोरे से कोई लेना—देना नहीं है। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सदस्य है। मालूम हो कि राकेश मथ वाघमोरे का मित्र है और मथ ने परशुराम को निर्दोष बताते हुए कहा है कि परशुराम ने हत्या नहीं की है। वह शरीफ आदमी है। मामला अदालत में है और जब तक यह साबित नहीं हो जाता उसे हत्यारा नहीं कहा जा सकता।
10 मिनट के भीतर स्वीकार कर लिया था अपराध
गिरफ्तारी के 10 मिनट के भीतर वाघमोरे ने पुलिस वाहन में ही कबूल कर लिया कि उसने ही गौरी लंकेश को गोली मारी थी। उसने पूछताछ में बताया कि उससे कहा गया था कि धर्म की रक्षा के लिए गौरी लंकेश की हत्या करनी है। इसके लिए उसे बाकयदा कई महीने बेलबाम में ट्रेनिंग भी दी गई। उसने यह भी बताया कि वह पहले भी गौरी लंकेश की हत्या की कोशिश कर चुका है, लेकिन उस दिन वह विफल रहा था। इसके अगले ही दिन उसने काफी करीब से गोली मार कर गौरी लंकेश की हत्या कर दी। उसने यह भी बताया कि उसे हत्या वाले दिन ही बंदूक दी गई थी। उसे नहीं पता कि उसे कौन सी बंदूक दी गई थी।
5 सितंबर 2017 को की गई थी हत्या
बता दें कि 5 सितंबर, 2017 को बेंगलूरु में ठीक गौरी लंकेश के निवास के ठीक सामने गोली मार कर परशुराम वाघमोरे ने हत्या कर दी थी। इस अपराध को उसने स्वीकार भी कर लिया है। गौरी लंकेश की हत्या के बाद से ही इसके पीछे कई हिंदुत्ववादी संगठनों के नाम सामने आता रहा है। हालांकि सभी संगठन इस बात से इनकार करते रहे हैं कि गौरी लंकेश की हत्या में उनका हाथ है। हत्या के आरोप में परशुराम वाघमोरे की गिरफ्तारी के बाद श्रीराम सेना का नाम एक बार फिर उछला था। लेकिन श्रीराम सेना ने इस मामले से किनारा कर लिया था।