पीड़ित परिवार की तरफ से केस लड़ रही दीपिका राजावत ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस याचिका में कहा गया है कि इस केस को जम्मू-कश्मीर से चंडीगढ़ ट्रांसफर किया जाए। इसके अलावा जब तक केस चंडीगढ़ ट्रांसफर नहीं हो जाता, तब तक इस केस की जांच आगे न बढ़ाई जाए। पीड़ित परिवार को इस बात का डर है कि जम्मू-कश्मीर के अंदर इस केस का ट्रायल ठीक से नहीं हो पाएगा। साथ ही याचिका में कहा गया है कि नेताओं को भी आरोपियों और खासकर नाबालिग आरोपी से न मिलने दिया जाए।
वहीं दूसरी तरफ सीजेएम कोर्ट में आज सभी आरोपियों के पेशी हुई। सीजेएम कोर्ट में आज से सुनवाई शुरू हो गई है, लेकिन सुनवाई के पहले दिन ही कोर्ट ने केस की अगली तारीख दे दी है। अब 28 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी। सुनवाई के बाद अभियुक्तों के वकील अंकुर शर्मा ने कहा, ‘न्यायालय ने निर्देश दिया है कि सभी आरोपियों को चार्जशीट की कॉपी दी जाएं। हम नार्को टेस्ट के लिए तैयार हैं। अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी।’
सीजेएम कोर्ट में पेशी के दौरान आरोपियों ने खुद को बेकसूर बताया है। आरोपियों के वकील की तरह अन्य आरोपियों ने भी इस केस में नार्को टेस्ट की बात कही है। आरोपी ने कहा है कि वो भी नार्को टेस्ट के लिए तैयार है, ताकि पूरी सच्चाई खुद ही सामने आ जाए। आपको बता दें कि कठुआ मामले में 8 आरोपी है, जिसमें से 1 नाबालिग है। इस मामले के मुख्य आरोपी सांझी राम की बेटी ने इस घटना को षड्यंत्रकारी बताया है। उसने कहा कि वो बच्ची कोई हिंदू-मुसलमान की बच्ची नहीं थी। उस बच्ची के साथ कोई दुष्कर्म नहीं हुआ है, उसका मर्डर हुआ है। उस मर्डर की छानबीन सीबीआई करे, तभी यह केस हल होगा अन्यथा निर्दोष ही फंसेंगे।
वहीं पीड़िता के परिवार का केस लड़ रहीं वकील दीपिका राजावत को भी जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। उनका कहना है कि उन्हें इस केस से हटने के लिए लगातार धमकियां दी जा रही हैं। उन्होंने आशंका जताई है कि इस केस के दौरान या फिर केस खत्म हो जाने के बाद भी मेरी हत्या कराई जा सकती है। दीपिका ने बताया कि उन्हें रविवार को धमकी दी गई थी कि तुम्हें माफ नहीं किया जाएगा।