8000 से अधिक बच्चियों का खंगाला जा रहा डेटा
घटना के तीन दिन बाद भी पुलिस अभी तक बच्ची की पहचान करने में नाकाम साबित हुई है। यहां तक कि अब बच्ची की शिनाख्त के लिए पुलिस ने लोगों से सहायता की अपील की है। बच्ची के शव को अभी मॉर्चरी में रखा गया है। इसके अलावा गुजरात पुलिस ने अब बच्ची के पहचान के लिए आठ हजार से ज्यादा लापता बच्चियों के डेटा को बारीकी से जांचा है। मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने इस बात की जानकारी दी। ऐसा माना जा रहा है कि छह अप्रैल को सूरत के भेसतन इलाके के एक क्रिकेट मैदान के समीप उसे फेंकने से पहले उसका अपहरण कर प्रताड़ित और उसके साथ दुष्कर्म किया गया। कई घंटे तक चले परीक्षण के बाद आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि बच्ची को कम से कम आठ दिनों तक दुष्कर्म किया गया था और उस पर जुल्म ढाए गए थे। बच्ची के निजी अंगों समेत उसके शरीर पर 86 चोट के निशान पाए गए थे।
गला दबाकर की गई हत्या
राज्य के गृह मंत्री जडेजा ने गांधीनगर में संवाददाताओं को बताया कि उसकी गला दबाकर हत्या की गई थी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह पता चला है कि बच्ची के साथ कम से कम आठ दिनों तक दुष्कर्म किया गया और उसे प्रताड़ित किया गया। बच्ची की पहचान नहीं हो पाई है और कोई भी अभी तक शव पर दावा करने के लिए आगे नहीं आया है। उन्होंने कहा कि सूरत अपराध शाखा उसकी पहचान में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने आठ हजार लापता बच्चियों के विवरण की बारीकी से जांच की है। ऐसा लग रहा है कि वह राज्य से बाहर की है और अपराध को अंजाम देने के बाद उसे यहां फेंका गया है। बच्ची या उसके परिवार के बारे में जानकारी देने वाले के लिए बीस हजार रुपये के इनाम का भी ऐलान किया गया है।