सिटी डीएसपी ने फोन पर बताया कि गुजरात पुलिस दल पूछताछ के लिए गया पहुंचने वाली है। अहमदाबाद ब्लास्ट की जांच में जुटी पुलिस को भी इनकी गतिविधियों की गुप्त जानकारी मिल गई थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार राजेंद्र आश्रम इलाके के एक साइबर कैफे से कुछ आपत्तिजनक पोस्ट किए जा रहे थे। पुलिस को दोनों संदिग्धों का हुलिया और विस्तृत जानकारी मिलने पर उन्हें मुन्नी मस्जिद के पास गिरफ्तार कर लिया।
मो. अतीक के पास उर्दू में लिखे कुछ दस्तावेज और डायरी आदि मिली है। इस गिरफ्तारी में साइबर कैफे के मालिक के कार्यों की सराहना की जा रही है। संदेह होने पर उसने दोनों संदिग्धों से आईडी प्रूफ और आधार की मांग कर डाली नहीं मिलने पर उसने पुलिस को चुपचाप सूचना दे दी। दोनों गया में ही छिपकर किराए पर रह रहे थे।
बता दें कि मोक्ष धाम गया में इन दिनों पितृपक्ष मेला लगा है। इसमें देश-विदेश के श्रद्धालुओं का तांता लगा है। ऐसे में ये संदिग्ध फिर दहला देने वाली घटना को अंजाम दे सकते थे। हालांकि सीनियर एसपी गरिमा मलिक ने पूछताछ की बाबत कुछ भी बताने से इंकार किया है।
गौरतलब है कि अहमदाबाद में 2008 में ब्लास्ट हुए थे उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अध्यक्ष अमित शाह गृह राज्यमंत्री थे।