हैदराबाद एनकाउंटर में खत्म आरोपी की पत्नी का बड़ा खुलासा… पुलिस के सामने रखी बड़ी डिमांड मुख्य न्यायाधीश आर एस चौहान की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने जानना चाहा कि पुलिस ने उक्त मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन किया है या नहीं। अदालत यह भी चाहती है कि सरकार इसके पर्याप्त सबूत भी पेश करे।
हैदराबाद में एनकाउंटर के दौरान घायल दो पुलिसकर्मियों की ऐसी है स्थिति… आईसीयू में हैं दोनों और गिन रहे हैं… याचिकाकर्ताओं के एक वकील ने बताया कि महाधिवक्ता बी एस प्रसाद ने पीठ को बताया कि ऐसी ही याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि मामले को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया जाए क्योंकि बुधवार को शीर्ष अदालत में सुनवाई होनी है। अदालत ने महाधिवक्ता से सहमति जताई और मामले में आगे की सुनवाई के लिए गुरुवार का दिन तय किया।
जब अदालत के संज्ञान में लाया गया कि महबूबनगर स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज में शरीर को अधिक समय तक सुरक्षित रखने के लिए सुविधाओं का अभाव है, तो अदालत ने उन्हें हैदराबाद के गांधी अस्पताल में स्थानांतरित करने के आदेश जारी किए। इससे पहले 6 दिसंबर को अदालत ने शवों को 9 दिसंबर तक संरक्षित रखने के निर्देश दिए थे।
हैदराबाद एनकाउंटर में शामिल हर पुलिसवाले की नौकरी पर खतरा… फूलों की बारिश के बाद अब अपना विभाग ही करेगा… यह आदेश विभिन्न मानवाधिकार संगठनों और महिलाओं के समूहों द्वारा आवाज उठाने के बाद दिए गए हैं, जिसमें उन्होंने चार आरोपियों के एनकाउंटर को न्यायेत्तर हत्या कहा है। 15 संगठनों द्वारा हस्ताक्षरित याचिका में आरोप लगाया गया कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए एनकाउंटर को अंजाम दिया गया। एक वकील राजेंद्र प्रसाद ने भी एनकाउंटर मामले में एक याचिका दायर की है।
हैदराबाद एनकाउंटर से पहले हुआ था यह बड़ा कांड… उसके बाद पुलिस को उठाना पड़ा यह कदम… खुलासा गौरतलब है कि 6 दिसंबर की सुबह शादनगर शहर के पास चटनपल्ली में पुलिस ने सभी चार आरोपियों को कथित रूप से एनकाउंटर में मार गिराया था। पुलिस ने दावा किया कि आरोपियों ने पुलिस से हथियार छीन लिए और गोली भी चलाई, जिसके बाद पुलिस द्वारा जवाबी कार्रवाई में चारों को मार दिया गया।