मीडिया रिपोर्ट में पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि दुबई पुलिस को नियम कायदों के मुताबिक भारतीय जांच एजेंसियों से भी फारूख देवाड़ीवाला से जुड़े कागजात मंगवाने चाहिए थे, लेकिन उन्होंने भारत को धोखा देकर पाकिस्तान के झूठे दस्तावेजों को सही माना और फारूख व उसके साथी को पाकिस्तान को सौंप दिया।
फारूख देवाड़ीवाला के मामले जैसा केस मुजक्किर मुदस्सर हुसैन उर्फ मुन्ना झिंगाडा का है। उसे थाईलैंड में गिरफ्तार किया गया। दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील के कहने पर मुन्ना ने साल 2000 में छोटा राजन पर गोलियां चलाई गई थीं। इसमें राजन बुरी तरह घायल हो गया था। इस गोलीबारी में उसका करीबी रोहित वर्मा मारा गया था। राजन को दो साल पहले इंडोनेशिया में गिरफ्तार किया गया था। मुन्ना झिंगाडा के पास पाकिस्तान ही नहीं बल्कि दाऊद और उसके पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ अंदरूनी रिश्तों की जानकारी है। पाक को डर है कि वह मुंबई पुलिस के जरिए भारत सरकार को बता देगा। कई बार मुंबई पुलिस थाईलै़ंड के अधिकारियों से मिल चुकी है। मुंबई क्राइम ब्रांच द्वारा दिए जा रहे तमाम सबूतों के बावजूद बैंकॉक पुलिस ने पाकिस्तान और चीन की शह पर अभी तक मुन्ना झिंगाडा को भारत को प्रत्यर्पित नहीं किया है। हालांकि थाईलैंड में उसका केस अभी चल रहा है।