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निजाम के सोने के टिफिन में रोज खाना खाते थे चोर, गिरफ्तारी से पहले फाइव स्टार होटल में कर रहे थे ऐश

Published: Sep 11, 2018 05:08:17 pm

Submitted by:

Shivani Singh

निजाम के सोने के टिफिन में चोर रोजाना खाना खाते थे।

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निजाम के सोने के टिफिन में रोज खाना खाते थे चोर, गिरफ्तारी से पहले फाइव स्टार होटल में कर रहे थे ऐश

नई दिल्ली। हैदराबाद के निजाम म्यूजियम से बेशकीमती चीजों की चोरी करने वालों दोनों चोरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद चोरों से पूछतछ के दौरान चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस ने बताया कि दोनों चोर निजाम के गोल्डन टिफिन में रोज लंच किया करते थे। बता दें कि बीते हफ्ते हैदराबाद के निजाम की पुरानी हवेली स्थित निजाम संग्रहालय से इन सामानों पर दो चोरों ने हॉलीवुड स्टाइल में हाथ साफ किया था।

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टिफिन में रोज खाना खाते थे चोर

पुलिस जांच में सामने आया कि चोरी के बाद दोनों चोर घौसे पाशा और मोहम्मद मुबीन ऐशो आराम की जिंदही गुजार रहे थे। वहीं , पकड़े जाने से पहले वे एक लग्जरी होटल में रूके हुई थे। बता दें कि सोने और हीरा, माणिक-पन्ना जड़ित यह टिफिन निजाम की वैभवशाली विरासत का प्रतीक है। करोड़ों की कीमत वाले इस टिफिन बॉक्स का शायद निजाम ने इस्तेमाल नहीं किया था। लेकिन चोरी के बाद दोनों चोर इसमें रोजाना खाना खाते थे।

हॉलीवुड स्टाइल में की चोरी

आपने हॉलीवुड फिल्मों में देखा होगा की दो लोग म्यूजिम घूमने आते हैं। इस दौरान उन्हें कोई सामान इतना पसंद आता है कि वे उसे पाने की चाहत करने लगते हैं। ठीक ऐसा ही कुछ हुआ हैदराबद के निजाम संग्रहालय में। चोरी से पहले दोनों चोर घौसे पाशा और मोहम्मद मुबीन एक माह पहले ही म्यूजियम घूमने के लिए आए थे। दोनों की नजर निजाम के बेशकीमती सोने के कप और टिफिन बॉक्स पर पड़ी। फिर क्या था दोनों ने चोरी का प्लान बनाया और रातों-रात म्यूजिम में घूस कर निजाम के सोने का टिफिन और चाय का कप पार कर गए। बता दें कि उनकी नजर निजाम के पवित्र कुरआन पर भी थी, लेकिन जैसे ही वे कुरआन को उठाने लगे तभी अचानक अजान की आवाज आने लगी। अजान की आवाज सुनकर वे घबरा गए और सोने का टिफिन और चाय का कप लेकर ही वहां से भाग निकले।

कैसे लगा चोरों का पता

सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ये जानकारी हाथ लगी है कि ये चोर वेंटिलेटर के रास्‍ते म्‍यूजियम में घुसे थे। इस दौरान उन्होंने टिफिन बॉक्‍स और बेशकीमती कप पर हाथ साफ किया। आपको बता दें कि दोनों वस्तुओं का इस्‍तेमाल हैदराबाद के अंतिम निजाम मीर उस्‍मान अली खान, असफ जाह सप्‍तम ने किया था।

कभी नहीं हुई राष्ट्रीय गणना

वर्ष 2011 में यूनेस्को ने अनुमान लगाया था कि 1989 तक भारत से लगभग 50,000 कलाकृतियां चोरी हुईं। बाद के दशकों में यह संख्या दोगुनी से तीन गुनी तक बढ़ गयी परंतु हमारे देश में इसकी कोई राष्ट्रीय गणना कभी नहीं हुई। यूनेस्को का कहना है कि सांस्कृतिक विरासत की तस्करी अब दुनिया में ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के बाद तीसरा सबसे बड़ा अपराध हो गयी है। ऐसा ही इन्टरपोल के महासचिव ने हाल ही में इस समस्या पर विचार करने के लिए बुलाई बैठक में कहा था।

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