आज देशभर में हो रहा है नीट यूजी ( NEET UG 2020 ) परीक्षा का आयोजन।
तमिलनाडु में अलग-अलग जगह तीन उम्मीदवारों ने दे दी जान ( commits suicide )।
नीट परीक्षा के डर की वजह से उठाया यह कदम, फैला शोक।
Three students scared from NEET UG 2020 commits suicide in Tamil Nadu
चेन्नई। नेशनल एलिजीबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट 2020 ( NEET UG 2020 ) के आयोजन से केवल एक दिन पहले तमिलनाडु में तीन उम्मीदवारों ने इसमें फेल हो जाने के डर से शनिवार को खुदकुशी ( commits suicide ) कर अपना जीवन खत्म कर दिया। यह घटनाएं मदुरै, धर्मपुरी और नमक्कल में हुई हैं।
जानकारी के मुताबिक मदुरै में रहने वाले एक पुलिसकर्मी मुरुगसुंदरम की बेटी ज्योति श्रीदुर्गा ने शनिवार को अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। ज्योति श्रीदुर्गा के आत्महत्या के इस कदम को उठाने की वजह का खुलासा सुसाइड नोट में मिला।
सुसाइड नोट में श्रीदुर्गा ने लिखा कि उसने एग्जाम के लिए काफी अच्छी तैयारी की थी, लेकिन वह नतीजे से बहुत डरी हुई थी। हालांकि इस पत्र में श्रीदुर्गा ने अपने फैसले के लिए माता-पिता से माफी मांगी और घटना के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराने का अनुरोध किया।
वहीं, इससे मिलती जुलती आत्महत्या की दूसरी घटना धर्मपुरी में सामने आई। यहां पर आदित्य नाम के एक लड़के ने खुदकुशी कर ली। जबकि नमक्कल जिले में भी मोतीलाल नाम के एक अन्य लड़के ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर दी।
इन ताजा घटनाओं के साथ ही पिछले कुछ दिनों में तमिलनाडु में मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के उम्मीदवारों की खुदकुशी की कुल संख्या बढ़कर चार पहुंच गई है। इससे पहले बीते बुधवार को ही मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए तैयारी में जुटे छात्र विग्नेश ने एनईईटी के डर से आत्महत्या कर ली थी।
प्रदेश में इन घटनाओं के बाद उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने एक ट्वीट कर छात्रों की आत्महत्या पर अपना दुख व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा कि छात्रों को चुनौतियों का सामना करने की इच्छाशक्ति विकसित करनी चाहिए। अभिभावकों को भी अपने बच्चों के प्रति सहयोग को बढ़ाना चाहिए।
वहीं, डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने एक ट्वीट में लिखा कि एनईईटी का छात्रों पर एक अस्थिर प्रभाव है। इसे अनीता (एनईईटी के कारण खुदकुशी करने वाली पहली छात्रा) से लेकर श्रीदुर्गा की मौत से देखा जा सकता है।
स्टालिन ने कहा कि उन्हें यह जानकर काफी धक्का लगा कि एनईईटी के डर से श्रीदुर्गा ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने आगे लिखा कि मेडिकल कॉलेज की प्रवेश परीक्षा ही जिंदगी में सब कुछ नहीं है और खुदकुशी ही इसका समाधान नहीं है। वहीं, पीएमके संस्थापक एस रामदौस ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि तमिलनाडु में परीक्षा रद्द कर दी जाए।