जम्मू। जम्मू कश्मीर में जिंदा पकडे गए पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद नावेद याकूब ने उधमपुर हमला मामले में बुधवार को एक अदालत के समक्ष अपना इकबालिया बयान दर्ज कराया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने बयान दर्ज करने के बाद नावेद को 10 दिन की न्यायिक हिरासत भेजने का आदेश दिया। आदेश के बाद कोट भलवाल जेल भेज दिया गया। अब उसे चार सितंबर को सक्षम अदालत के समक्ष पेश कि या जाएगा। नावेद को कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां उसने करीब चार घंटे तक अपना इकबालिया बयान दर्ज कराया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आपराधिक दंड संहिता की धारा 164 के तहत आतंकवादी का बयान रिकार्ड किया।
बयान दर्ज होने के तुरंत बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने नावेद को न्यायिक हिरासत में भेजने के लिए आवेदन दाखिल किया। सीजेएम सुनीत गुप्ता ने एनआईए के मुख्य जांच अधिकारी अतुल गोयल की अर्जी पर गौर करने के बाद कहा कि आरोपी पर जो आरोप लगाए गए वे गंभीर कि स्म के हैं। इसलिए जांच के इस चरण में आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती। जांच एजेंसी ने कहा कि फिलहाल उसे आरोपी को अपने हिरासत में लेेने की जरूरत नहीं है। यदि आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है तो उसे कोई आपत्ति नहीं होगी।
सीजेएम ने कहा कि एनआईए के आवेदन के मद्देनजर आरोपी को दस दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया जाता है। उसे चार सितंबर को सक्षम अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। इसके बाद नावेद को जम्मू की कोट भलवाल जेल में भेज दिया गया। पिछले हफ्ते इस मामले में श्रीनगर से एक ट्रक चालक को गिरफ्तार किया गया था जिसने हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को पांच अगस्त को ट्रक से उधमपुर पहुंचाया था।
उधमपुर के समरौली के नारसू नाला इलाके में जम्मू -श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बीएसएफ के काफिले पर हुए इस आतंकवादी हमले में बीएसएफ के दो जवान शहीद हो गए थे जबकि एक आतंकवादी मारा गया था। दूसरे आतंकवादी नावेद को ग्रामीणों ने जिंदा पकड़ लिया था।