उदयपुर

उदयपुर के इस हॉस्पीटल की बायो मेट्रिक मशीन क्या बिगड़ी, सभी कार्मिकों की हो गई बल्ले-बल्ले, मरीज परेशान होने को मजबूर, देखें वीडियो

उदयपुर . रवींद्रनाथ टैगोर आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के अधीन संचालित सेंट्रल लैब की व्यवस्थाएं सुधरती नहीं दिख रही हैं।

उदयपुरOct 27, 2017 / 11:49 am

Sushil Kumar Singh

उदयपुर . रवींद्रनाथ टैगोर आयुर्विज्ञान महाविद्यालय के अधीन संचालित सेंट्रल लैब की व्यवस्थाएं सुधरती नहीं दिख रही हैं। लैब की बायो मेट्रिक मशीन क्या बिगड़ी, वहां सेवारत कार्मिकों की बल्ले-बल्ले हो गई। ड्यूटी पर आने एवं चिकित्सालय से लौटने का समय फिर गड़बड़ा गया है, जिसका सीधा असर मरीजों के नमूने लेने एवं उनकी जांच पर पड़ रहा है।
 


तीन माह से बिगड़ी मशीन : सेंट्रल लैब में करीब तीन माह से बायो मेट्रिक मशीन खराब पड़ी हुई है। लिफ्ट के समीप लगी हुई मशीन को लेकर चिकित्सालय प्रशासन भी मौन साधे हुए हैं। अब उपस्थिति के लिए रजिस्टर का इस्तेमाल हो रहा है। मशीन से जुड़े सभी वायरों को निकालकर इसे बंद कर दिया गया है। यह बायोमेट्रिक मशीन पहले प्राचार्य कार्यालय में लगी हुई थी। तब सारा स्टाफ समय पर आकर उपस्थिति दर्ज करवाता था जिससे मरीजों को भी राहत मिलती थी।

जांच रिपोर्ट में भी बदला-बदली

लैब में आए दिन मरीजों की रिपोर्ट को लेकर गड़बड़ी सामने आ रही है। 25 अक्टूबर को मरीज अभिषेक मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना की पर्ची लेकर पहुंचा। इस दौरान उसका डिस्पेज नंबर 40973 डाला गया।
 

जब युवक जांच रिपोर्ट लेने आया तो उसे 5 जांचों की रिपोर्ट दी गई, लेकिन डॉक्टर पर्ची के नाम पर इसी डिस्पेज नंबर वाली मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना पर्ची पकड़ा दी गई, जिस पर केवल दो जांचें लिखी थी।
 

समस्या तब और चिंतनीय हो गई, जब स्टाफ ने अभिषेक को वही डिस्पेज नंबर वाली बाबू नाम वाले रोगी की पर्ची पकड़ा दी। ऐसे में डॉक्टर ने संबंधित जांच पर्ची लाकर उपचार कराने की नसीहत दी। मरीज सही पर्ची पाने के लिए भटकता रहा और अंत में चिकित्सालय छोडकऱ चला गया।
 

अंगूठा लगाना अनिवार्य

चिकित्सालय की व्यवस्था के तहत हर कर्मचारी को बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा लगाकर समय पर उसकी उपस्थिति तय करनी है। मशीन खराब पड़ी है। इसकी मुझे जानकारी नहीं है। गलत रिपोर्ट का मामला गंभीर है।
डॉ. विनय जोशी, अधीक्षक, एमबी हॉस्पिटल
 
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.