ऐसा माना जा रहा है कि कोर्ट माल्या के प्रत्यर्पण के मामले में सोमवार को अपना फैसला सुना सकता है। यानी ये संभव है कि कोर्ट भारत के पक्ष में फैसला सुनाए और मिशेल के बाद विजय माल्या को भारत लाने में कामयाबी मिले। ब्रिटेन की कोर्ट में माल्या के प्रत्यर्पण के लिए भारत के विशेष अनुरोध पर सुनवाई होने जा रही है।
आपको बता दें कि सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पहले इस केस का नेतृत्व कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने कारोबारी विजय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के लिए मुंबई की एक अदालत में चल रही कार्यवाही को चुनौती देने वाली उसकी याचिका पर 7 दिसंबर को को प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी किया था।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने विजय माल्या की याचिका पर नोटिस जारी किया लेकिन उसने मुंबई की धन शोधन मामले की रोकथाम संबंधी विशेष अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने से इंकार कर दिया।
इससे पहले अगस्ता वेस्टलैंड मामले में मिशेल को भारत प्रत्यर्पण के बाद खबर आई थी कि माल्या ने भारत की बैंकों का कर्ज लौटाने की पेशकश की है। आपको बता दें कि माल्या प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटेन में कानूनी लड़ाई लड़ रहा हैं। उसका दावा है कि नेताओं और मीडिया ने उसे गलत तरीके से “डिफॉल्टर” के रूप में पेश किया। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, “मैंने देखा है कि मेरे प्रत्यर्पण के फैसले को लेकर मीडिया में कई चर्चाएं चल रही हैं. यह अलग मामला है और इसमें कानून अपना काम करेगा। “