वीरभद्र सिंह पर यूपीए सरकार में इस्पात मंत्री रहते हुए आय से अधिक संपत्ति होने की जांच चल रही है।
शिमला। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ धनशोधन मामले में शनिवार को एलआईसी एजेंट आनंद चौहान को गिरफ्तार कर लिया। प्रवर्तन निदेशालय वीरभद्र सिंह के खिलाफ 2009-2012 के दौरान हासिल की गई 6.03 करोड़ रुपये की संपत्ति की जांच कर रहा है जो उनके परिजनों के नाम पर एलआईसी पॉलिसी में निवेश की गई थी।
वीरभद्र सिंह पर यूपीए सरकार में इस्पात मंत्री रहते हुए आय से अधिक संपत्ति होने की जांच चल रही है। वीरभद्र सिंह ने मामला सामने आने के बाद इस राशि को अपने सब बागानों की आय दिखाया था, लेकिन इनकम टैक्स विभाग की जांच में सामने आया कि जिन वाहनों से सेब की ढुलाई कागजों में दिखाई गई थी उनमें कुछ के नंबर टू व्हीलर के थे।
आनंद चौहान की गिरफ्तारी से वीरभद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। एलआईसी एजेंट इस मामले में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं, क्योंकि ईडी और सीबीआई दोनों ने पूर्व में पाया था कि चौहान ही वह व्यक्ति हैं, जिन्होंने कथित रूप से जीवन बीमा पॉलिसी में मुख्यमंत्री की अवैध धनराशि का बीमा किया था।
ईडी वीरभद्र की आठ करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुका है। मामला वीरभद्र के केंद्रीय इस्पात मंत्री रहते हुए 2009-11 के बीच उनके और उनके परिवार द्वारा कथित रूप से 6.1 करोड़ की संपत्ति जमा करने के आरोपों से जुड़ा है। यह संपत्ति कथित रूप से आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक है।