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अवैध संबंधों पर पत्नी के साथ लड़ाई पर खौला पति का खून, बेटी के सामने जिंदा जलाया

Published: Mar 27, 2019 06:07:31 pm

Submitted by:

Shweta Singh

ये सनसनीखेज मामला पश्चिम बंगाल लिलूआ इलाके से सामने आया है
पति-पत्नी के बीच झगड़े ने लिया खतरनाक मोड़
बच्ची के सामने जिंदा जलाया पत्नी को

women burned alive

अवैध संबंधों पर पत्नी के साथ लड़ाई पर खौला पति का खून, बेटी के सामने जिंदा जलाया

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। राज्य के लिलूआ इलाके में एक व्यक्ति ने अपने पत्नी को बुरी तरह पीटा और उसके बाद उसे आग के हवाले कर दिया। इस निर्दयी पति ने अपनी पत्नी को 8 साल की बेटी के सामने ही जिंदा जला दिया। जानकारी के मुताबिक फसाद की जड़ पति के अवैध संबंध थे।

अवैध संबंध को लेकर बहस बना मौत का कारण

लिलूआ के 39 वर्षीय समीर कर्माकर के अवैध संबंध थे, जिसके चलते उसकी अपने 33 वर्षीय पत्नी रुपाली कर्माकर से कलह चल रही थी। बीते मंगलवार को भी दोनो के बीच इसी संबंध में बहस हुई, जो इस हद तक बढ़ गई कि समीर ने अपनी पत्नी को जिंदा जला दिए। पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक समीर ने रुपाली पर मिट्टी का तेल छिड़कर उसे आग के हवाले कर दिया। इस भयानक घटना के वक्त आरोपी की 8 साल की बच्ची भी वहां मौजूद थी। मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि मरने से पहले खुद रुपाली ने पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज कराया।

80 फीसदी तक जल चुका था महिला का शरीर

बयान के मुताबिक अपनी मां की हालत देखकर जब बेटी चीखने लगी तो समीर ने उसे जबरन कमरे में बंद कर दिया। बताया जा रहा है कि रुपाली को जबतक अस्पताल लाया गया उसका शरीर 80 फीसदी तक जल चुका था। लेकिन इस हालत में भी उसने पुलिस को अपनी आपबीती सुनाई, जिसके लिए उसने अपने पति को जिम्मेदार ठहराया। बयान दर्ज करने के बाद पुलिस पति के अन्य परिजनों से संपर्क कर मामले की छानबीन करने की कोशिश कर रही है।

बेटी ने सुनाई घटना की कहानी

दूसरी ओर मामले की चश्मदीद और अन्य अहम गवाह उन दोनों की बेटी ने बताया, ‘जब मेरे पिता ने मां को आग लगाई तो वो पीने के लिए पानी मांग रही थी। लेकिन मेरे पिता ने उसे पानी भी नहीं दिया और मुझे घसीटते हुए कमरे में बंद कर दिया। मैंने चीखने की कोशिश की और दरवाजे को भी लगातार पीटा, जिसके बाद आखिरकार मेरा दादा ने दरवाजा खोला।’ तीसरी क्लास में पढ़ने वाली लड़की ने यह भी बताया कि उस वक्त घर में उसके दादा के अलावा उसकी चाची भी मौजूद थी, जिसने उसे उसकी मां की मदद नहीं करने दी।’ बच्ची के मुताबिक शोर सुनकर आसपास के पड़ोसी वहां पहुंच गए। उन्होंने ही पीड़िता को हावड़ा स्थित जिला अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यहां लाए जाने के वक्त पीड़िता 80 फीसदी झुलस चुकी थी। उसका इलाज आईसीयू में कराया जा रहा था, लेकिन फिर भी उसे बचाया नहीं जा सका।

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