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15 करोड़ रुपए के प्लॉट पर थी पत्नी की नजर, 30 लाख रुपए में दे डाली सुपारी

Published: Jun 03, 2018 12:25:32 pm

Submitted by:

Kapil Tiwari

पति की हत्या के लिए पत्नी ने शूटर को 30 लाख रुपए की सुपारी दे डाली। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

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मुंबई। अक्सर संपत्ति को लेकर रिश्तों को शर्मसार होते हुए आपने जरूर देखा होगा, लेकिन मुंबई के कल्याण एक पत्नी ने प्रॉपर्टी के लिए अपने पति को ही ठिकाने लगाने का फैसला कर डाला और इतना ही नहीं इसके लिए उसने अपने पति को जान से मारने की सुपारी भी दे डाली। दरअसल, पत्नी की नीयत पति के 15 करोड़ रुपए के प्लॉट पर थी, जिसे वो बेचना चाहती और उसका पति उसे बेच नहीं रहा था। इसी बात को लेकर महिला ने अपने पति को जान से मरवा दिया। गहन खोजबीन के बाद पुलिस को इस बात का पता चला कि इस हत्या को अंजाम महिला ने ही दिया है। पुलिस ने महिला को और सुपारी किलर को गिरफ्तार कर लिया है।
30 लाख रुपए में दी पति की सुपारी

पुलिस ने बताया है कि 40 वर्षीय आयशा गायकवाड़ (40) ने 44 साल के अपने पति को मरवाने के लिए हिमांशु दुबे नाम के शूटर को 4 लाख रुपए की सुपारी दी थी। पुलिस ने बताया है कि पहले तो आयशा ने अपने पति को नशे की दवा देकर अधमरा कर दिया और उसके बाद उसे शूटर के हवाले कर दिया, जिसने गला दबाकर आयशा के पति को मार डाला। पुलिस इस मामले में आयशा और हिमांशु के अलावा 3 और लोगों की तलाश में जुटी है, जिनकी पहचान जगन म्हात्रे, राज सिंह और प्रीतम के रूप में हुई है। पुलिस का कहना है कि महिला और उसके दोस्तों के बीच पति के संपत्ति को लेकर विरोध के बारे में पता चला। उसी से यह भी पता चला कि महिला अपने पति को मारने की साजिश बना रही थी।
ऐसे हुआ पुलिस को पत्नी पर शक
मृत शंकर गायकवाड के परिवार ने बताया कि आयशा अपने पति के 25,000 स्क्वेयर फुट के प्लॉट को बेचना चाहती थी और उसके लिए एक डिवेलपर से 4 लाख रुपये भी ले चुकी थी। पुलिस हत्या में डिवेलपर की भूमिका की जांच भी कर रही है। शंकर खुद भी प्रॉपर्टी डीलर था। जिस दिन आयशा ने अपने पति की हत्या करवाई, उस दिन उसने पुलिस में शंकर के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसने कहा कि 18 मई को शंकर सतारा में किसी आध्यात्मिक जगह जाने के लिए घर से निकला था। शंकर के परिवार को आयशा पर शक था क्योंकि पति के लापता होने पर परेशान नहीं लग रही थी। उनके मुताबिक पुलिस की जांच से वह खुश भी नहीं थी। इस पर उन्होंने सीनियर पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर मामले की जांच करने का आग्रह किया। इसके बाद, जब पुलिस मामले की तह तक गई तो पूरा मामला खुलकर सामने आ सका।
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