युवती का प्राइवेट पार्ट काटने के जुर्म में 40 वर्षीय महिला को 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। 5 साल तक चली सुनवाई के बाद ठाणे जिला अदालत ने बांग्लादेश की मूल निवासी महिला रूबी मुंशी को सजा सुनाई है। कथित रूप से रूबी मानव तस्करी में भी शामिल थी। सबूतों के अभाव में रूबी के दो सहयोगियों अफजल सिद्दीकी और रमादेवी को बरी कर दिया गया।
इस मामले में एक आरोपी आलमगीर फरार चल रहा है।अभियोजक उज्ज्वला मोहोल्कर ने कोर्ट को बताया कि 21 मार्च, 2014 को एक सोशल वर्कर को पता चला कि नौकरी दिलाए जाने का झांसा देकर 24 वर्षीय युवती को बांग्लादेश से ठाणे में लाया गया है। उसे यहां रूबी मुंशी द्वारा चलाए जा रहे देह व्यापार के पेशे में धकेल दिया गया।
शरीर पर दागी जलती सिगरेट
चंगुल से छूटी युवती ने बताया कि जब मैंने देह व्यापार को लेकर विरोध जताना शुरू किया तो रूबी ने अपने साथियों के साथ मिलकर मुझे पीटना शुरू कर दिया। मुझे काफी प्रताड़ित किया गया। यही नहीं मेरे शरीर पर जलती हुई सिगरेट दागी गईं। मेरा प्राइवेट पार्ट ही काट दिया गया। मेरे दांत भी तोड़े गए। मेरे ऊपर क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं।
चंगुल से छूटी युवती ने बताया कि जब मैंने देह व्यापार को लेकर विरोध जताना शुरू किया तो रूबी ने अपने साथियों के साथ मिलकर मुझे पीटना शुरू कर दिया। मुझे काफी प्रताड़ित किया गया। यही नहीं मेरे शरीर पर जलती हुई सिगरेट दागी गईं। मेरा प्राइवेट पार्ट ही काट दिया गया। मेरे दांत भी तोड़े गए। मेरे ऊपर क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं।
पीड़िता को पहले भिवंडी के आईजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया, फिर मुंबई के एक हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया। आरोपियों के ऊपर कई धाराएं लगाई गईं, जिनके तहत रूबी मुंशी को 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है।