अकेले में पॉर्न मूवीज दिखाने का लगाया आरोप
अपनी शिकायत में महिला ने कहा है, ‘आईजी मुझे गले लगाने का मौका ढूंढते थे। कई मौकों पर उन्होंने जबरन मुझे गले लगाया। वह मुझे गलत तरीके से छूते थे। जब मैंने इसका विरोध किया तो वह मुझे दूसरे तरीकों से परेशान करने लगे।’ महिला का आरोप है कि आईजी उसे बीते सात महीनों से परेशान कर रहे हैं। वह उन्हें देर रात फोन करते थे और उन्हें आपत्तिजनक मेसेज भी भेजते थे। जब वह उन्हें अपने पास बुलाते तो मोबाइल पर पॉर्नोग्रफिक विडियो चलाने लगते।
उन्होंने आरोप लगाया है, ‘आईजी ने मुझे धमकी दी कि अगर मैंने उनकी बात नहीं मानी तो वह मेरा एसीआर खराब कर देंगे, जिससे मेरा करियर खराब हो जाएगा।’ एसपी ने मांग की है कि उन्हें किसी दूसरे विंग में ट्रांसफर कर दिया जाए।
जांच के लिए गठित हुई कमेटी
इस मामले को लेकर राज्य सरकार की तरफ से एक जांच कमेटी गठित कर दी है, जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिला आईपीएस की शिकायत हालही में गठित की गई प्रदेश पुलिस की विशाखा कमिटी में भेज दी गई है। इसके साथ ही डीजीपी टीके राजेंद्रन ने एडीजीपी सीमा अग्रवाल, एसयू अरुणाचलम और डीआईजी थेमोझी की एक कमिटी बनाकर उन्हें जांच सौंप दी है। डीजीपी ने बताया कि रिटायर्ड एएसपी सरस्वती और डीजीपी ऑफिस में प्रशासनिक अधिकारी रमेश भी जांच कमिटी का हिस्सा हैं।