बता दें कि यह घटना मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा अषाढ़ी एकादशी के मौके पर सोलापुर के पंढरपुर में स्थित भगवान विट्ठल और उनकी पत्नी रुकमिणी के प्रसिद्ध मंदिर में पूजा करने से नाम वापस लेने के अगले दिन घटी। मराठा समुदाय के विभिन्न संगठनों द्वारा आरक्षण की मांग को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शनों और धमकियों के बाद फडणवीस ने रविवार को अंतिम समय में सोमवार को प्रस्तावित पूजन कार्यक्रम शुरू करने के खिलाफ फैसला लिया था। उत्सव के लिए लाखों श्रद्धालु पंढरपुर में इकट्ठे हुए हैं और पिछले सप्ताह नागपुर स्थित महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया गया। मराठा क्रांति मोर्चा के करीब 20 सदस्यों को एहतियाती तौर पर हिरासत में लेनी की भी खबर है। बता दें कि सीएम देंवेंद्र फडणवीस बीते कई सालों से पंढरपुर मेले में शिरकत करते रहे हैं। वह भगवान विट्ठल (श्रीकृष्ण) मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं।