यूं फंसा चोर समिति सदस्यों के चंगुल में
रात दो बजे के करीब गश्त के लिए निकले समिति सदस्य कमल बघेल, नरेंद्र सिंह, बादाम सिंह, योगेश गिरी, राहुल पाराशर ने ग्राम मिलघन की ओर से छीमक की तरफ आ रहे शिवराज पुत्र गोपाल सपेरा निवासी झंडा का पुरा को बाइक लेकर पैदल आते देखा। सदस्यों ने उससे पूछा कि बाइक में क्या हो गया है तो बाइक चोर ने बताया कि मेरी गाड़ी स्टार्ट नहीं हो रही है । इसको चालू कर दें तब रक्षा समिति सदस्यों ने कहा कि छीमक बस स्टैंड तक बाइक को ले चलो वहीं आपकी गाड़ी को देख लेंगे।
बाइक खरीदने का दिया लालच
तब वह बाइक को लेकर छीमक बस स्टैंड पर आ गया। रक्षा समिति सदस्यों को उस पर शक हुआ तो उन्होंने उसे झांसे में देकर कहा कि बाइक को बेचना है तो बाइक चोर ने कहा कि बेच दूंगा पूछा कितनी कीमत में तो बाइक चोर बोला आप ही बता दो तो रक्षा समिति सदस्यों ने गाड़ी की कीमत 4000 लगाई इस पर बाइक चोर बोला कि 5000 दे दो ।
रात दो बजे के करीब गश्त के लिए निकले समिति सदस्य कमल बघेल, नरेंद्र सिंह, बादाम सिंह, योगेश गिरी, राहुल पाराशर ने ग्राम मिलघन की ओर से छीमक की तरफ आ रहे शिवराज पुत्र गोपाल सपेरा निवासी झंडा का पुरा को बाइक लेकर पैदल आते देखा। सदस्यों ने उससे पूछा कि बाइक में क्या हो गया है तो बाइक चोर ने बताया कि मेरी गाड़ी स्टार्ट नहीं हो रही है । इसको चालू कर दें तब रक्षा समिति सदस्यों ने कहा कि छीमक बस स्टैंड तक बाइक को ले चलो वहीं आपकी गाड़ी को देख लेंगे।
बाइक खरीदने का दिया लालच
तब वह बाइक को लेकर छीमक बस स्टैंड पर आ गया। रक्षा समिति सदस्यों को उस पर शक हुआ तो उन्होंने उसे झांसे में देकर कहा कि बाइक को बेचना है तो बाइक चोर ने कहा कि बेच दूंगा पूछा कितनी कीमत में तो बाइक चोर बोला आप ही बता दो तो रक्षा समिति सदस्यों ने गाड़ी की कीमत 4000 लगाई इस पर बाइक चोर बोला कि 5000 दे दो ।
बार-बार नाम बदलने से शक बढ़ा
बाइक चोर से जब समिति सदस्यों ने नाम पूछा तो वह हड़बड़ी में बार-बार नाम बदलता मिला। जिस पर रक्षा समिति सदस्यों को शक हुआ और उसे पकड़ लिया । जब मोबाइल पर गाड़ी का नंबर सर्च किया तो गाड़ी किसी जीतेन्द गुर्जर जो कि मिलन का रहने वाला है उसके नाम रजिस्टर्ड थी । इसके बाद चीनोर थाना पुलिस को सूचना कर बुलाकर उसे सौंप दिया।
बाइक चोर से जब समिति सदस्यों ने नाम पूछा तो वह हड़बड़ी में बार-बार नाम बदलता मिला। जिस पर रक्षा समिति सदस्यों को शक हुआ और उसे पकड़ लिया । जब मोबाइल पर गाड़ी का नंबर सर्च किया तो गाड़ी किसी जीतेन्द गुर्जर जो कि मिलन का रहने वाला है उसके नाम रजिस्टर्ड थी । इसके बाद चीनोर थाना पुलिस को सूचना कर बुलाकर उसे सौंप दिया।