सरकारी कार्रवाई से क्षुब्ध पीडि़त युवक ने 29 जनवरी को फिर से कलक्टर भरत यादव को कार्रवाई कराए जाने के लिए आवेदन दिया है। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कार्रवाई के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। पीडि़त का कहना है कि बगैर लाइसेंस के दवाएं बेच रहा डॉक्टर रसूखदार है और भाजपा में गहरा दखल रखता है, इसलिए प्रशासनिक अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे।
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यह है मामला
2 मई 2017 को पीडि़त युवक डॉक्टर हेमंत मोदी के यहां आंख का चेकअप कराने गया था। चेकअप के बाद डॉक्टर के निर्देश पर कंपाउंडर ने फ्लेन आइ ड्रॉप दवा दी, जिसको आंख में डालने के तुरंत बाद जलन शुरू हो गई। दवा के रैपर को गौर से देखने पर पता चला कि दवा मार्च 2017 में एक्सपायर हो गई थी। जब इस बात की शिकायत डॉक्टर से की थी। उनका कहना था एक्सपायरी दवा से कुछ नहीं होता। डॉक्टर के पास दवा बेचने का लाइसेंस भी नहीं है। जांच के बाद 1 फरवरी 2018 को क्षेत्रीय संचालक डॉ. एके दीक्षित ने प्रतिवेदन में डॉक्टर को बगैर लाइसेंस के दवाएं बेचने और चिकित्सकीय कार्य में लापरवाह रवैया का दोषी मानकर कार्रवाई किए जाने का उल्लेख किया है। इसके बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
हां, हमारे संज्ञान में है
&यह प्रकरण संज्ञान में आया है, इसको लेकर संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के लिए निर्देश दिए हैं।
भरत यादव, कलक्टर
हमारी ओर से अभी जांच जारी है। बगैर पूरी जांच हुए हम यह नहीं कह सकते कि सब साफ सुथरा है।
दिलीप अग्रवाल, ड्रग इंस्पेक्टर
मैंने कोई एक्सपायरी दवा नहीं दी है। मैं दवाएं नहीं बेचता हूं। सारी जांच हो चुकी हैं। शिकायतकर्ता मुझे ब्लैकमेल कर तीन लाख रुपए की मांग कर रहा है।
डॉ. हेमंत मोदी, नेत्र चिकित्सक
आंख की रोशनी जाने का खतरा हो गया था
मैंने डॉक्टर हेमंत मोदी से आंख का चेकअप कराया था, डॉक्टर ने एक्सपायरी दवा आंख में डाल दी थी, जिससे मेरी आंख की रोशनी जाने का खतरा पैदा हो गया था, इसके बाद मैंने ग्वालियर में डॉक्टर से इलाज कराया, तब जाकर आंख कुछ ठीक हो पाई, अभी भी आंख की रोशनी पूरी तरह से सही नहीं हुई है।
दिलीप गुप्ता, पीडि़त फरियादी
जांच के दस्तावेज इक_े कर रहे हैं
शिकायतकर्ता से संबंधित जांच के सभी दस्तावेज इकठ्ठे कर रहे हैं, सोमवार को हम इसकी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप देंगे।
मृदुल सक्सेना, सीएमएचओ