यह है खासियत आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एक ऐसी तकनीक है, जिसकी मदद से इंसानी दिमाग का काम मशीन से संचालित होता है। इसमें ड्राइवरलेस कार, डिसीजन मेकिंग, विजुअल परसेप्शन शामिल हैं। इसकी मदद से शतरंज खेलने से लेकर कार चलाने तक की प्रक्रिया बिना इंसान के की जा सकती है। एक्सपर्ट के अनुसार यह कोर्स शुरू करने का मकसद स्टूडेंट्स को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से वाकिफ कराना है। निजी स्कूल की प्रिंसिपल टी. रेड्डी का कहना है कि शहर के सीबीएसई स्कूलों में भी ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर यह विषय पढ़ाया जाएगा।
सीबीएसई ने अपनी वेबसाइट पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्स की यूनिट वाइज डिटेल्स दी है। इसमें स्कूलों में एआई की पढ़ाई 169 पीरियड यानी 162 घंटे करानी है। सबसे पहले स्टूडेंट्स को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इंट्रोडेक्शन देना होगा। इसके बाद आर्टिफिशियल प्रोजेक्ट साइकल, नेटवर्क और इंट्रोडक्शन टू पाइथन जैसे टॉपिक्स की जानकारी दी जाएगी। स्टूडेंट्स को गेम्स एक्टिविटी और वीडियो से भी इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें पै्रक्टिकल पर ज्यादा फोकस होगा। चूंकि यह विषय भविष्य में बहुत करियर ऑप्शन लेकर आ रहा है इसलिए इस पर अभी से ध्यान देने के प्रयास शुरू हो गए हैं।