ग्रामीणों का कहना था कि प्रदेश सरकार ने संबल योजना के तहत विद्युत बिल माफी की योजना लागू की है। इस योजना के तहत बिल माफी के प्रमाण पत्र पाने के लिए वे पिछले दो महीने से विद्युत कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है जिसके चलते वे योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं और उन्हें भारी भरकम बिल भरना पड़ रहा है। ग्रामीणों का आरोप था कि वे दो से तीन बार प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दे चुके है इसके बाद भी जब भी वे प्रमाण पत्र लेने आते हैं तो उनसे कहा जाता है कि आवेदन गुम हो गया है फिर से आवेदन भरो। इसके चलते उनका दो महीने का समय इसी लापरवाही में चला गया है लेकिन उनके बिल माफ नहीं हो सके हैं।
गुस्साए किसान विद्युत कार्यालय के बाहर करीब दो घंटे से ज्यादा समय तक बैठे रहे लेकिन कोई भी जिम्मेदार अधिकारी उनकी बात नहीं सुनने आया। ग्रामीणों ने कार्यालय में काम कर रहे स्टॉफ से बात की तो उनका कहना था कि अपनी बात सहायक प्रबंधक से करें। उनसे जब अधिकारी के बारे ग्रामीणों ने बात की तो उन्होंने यहभी बताने से इनकार कर दिया कि अधिकारी कहां हैं। ग्रामीणों का आरोप था कि प्रदेश सरकार की जनहित की योजना को बिजली कंपनी के अधिकारी फैल करना चाहते हैं।
ग्रामीणों का आरोप था कि अधिकारी और स्टॉफ चहेतों को प्रमाण पत्र दे रहे हैं जबकि ग्रामीणों को चक्कर लगवाया जा रहा है। घेराव करने वाले ग्रामीणों में बृज किशोर परिहार, आकाश कुशवाह, हरविलास कुशवाह, पंचम सिंह, संतोष जाटव, बलवीर सिंह, हुकुम सिंह, ओमप्रकाश, सोनू, मनीराम आदि ग्रामीण। दो माह से चल रहा है बिना जेई के चल रहा है सब स्टेशन में पूर्वमें जेईसुबोध कुमार कार्य में लापरवाही के चलेत निलंबित होने के बाद उनका तबादला हो गया। दो माह से बिना जेई के सब स्टेशन चल रहा है। लाइनमैंन और बाबुओं के भरोसे चल रहा है सब स्टेशन।
“मैं शनिवार को सब स्टेशन में मौजूद था। जितने ग्रामीण मेरी मौजूदगी में आए उनको प्रमाण पत्र दिए गए। जिन्हें नहीं मिले हैं उन्हें भी जल्द दिलाए जाएंगे। बार-बार आवेदन लिए जाने की जानकारी ली जाएगी।”
डीके धुर्वे, प्रभारी सहायक प्रबंधक विविकंलि, चीनोर
डीके धुर्वे, प्रभारी सहायक प्रबंधक विविकंलि, चीनोर