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ऋण माफी : भ्रष्टाचारियों की भेंट न चढ़ जाए नई सरकार की योजना, अंजाम तक नहीं पहुंची जांच

ऋण माफी : भ्रष्टाचारियों की भेंट न चढ़ जाए नई सरकार की योजना, अंजाम तक नहीं पहुंची जांच

डबराDec 18, 2018 / 11:43 am

Gaurav Sen

ऋण माफी : भ्रष्टाचारियों की भेंट न चढ़ जाए नई सरकार की योजना, अंजाम तक नहीं पहुंची जांच

ग्वालियर। किसानों का कर्ज माफ करने के एलान के साथ ही नई सरकार ने सहकारी बैंक से कर्ज लेने वाले किसानों की लिस्ट मांगी है। इस आदेश से जिले की 76 सहकारी समितियों में पंजीकृत लगभग 90 हजार किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है, लेकिन 10 साल पहले किसानों का कर्ज माफ करने के लिए लाई गई ऋण माफी और ऋण राहत योजना में हुए गोलमाल की जांच अभी तक अंजाम पर नहीं पहुंची है। घोटालेबाजों ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित को लगभग 283 करोड़ रुपए के घाटे में पहुंचा दिया था। सरकार की मदद के बाद भी बैंक की माली हालत में सुधार नहीं आया है।

नई सरकार द्वारा की गई कर्ज माफी की घोषणा में चीनोर क्षेत्र की नौ सोसायटियों में बैंक को चपत लगाकर फर्जी तरीके से कर्जदार बनाए गए किसानों को कैसे राहत मिलेगी, इसका खुलासा नहीं किया गया है। किसानों के नाम पर बैंक को हानि पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई किए बिना कर्ज माफी योजना को अमल में लाया गया तो सहकारी बैंक में आर्थिक अनियमितताएं करने वाले फिर फायदा उठा सकते हैं। सही तरीके से किसानों की पात्रता का निर्धारण नहीं हुआ तो सहकारी बैंक के भ्रष्टाचारी फिर से जनता के खजाने से पैसे निकालकर हजम कर जाएंगे।

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एक बार हो चुका है गोलमाल

कैसे होगा पात्रता का निर्धारण

केसीसी पर लिमिट में असमंजस

फसल की लागत

इस लागत के हिसाब से किसानों को सहकारी समितियों के जरिए खाद-बीज और केसीसी से नकद रकम मिलती है, ताकि फसल का उत्पादन और किसान का खर्च सही तरीके से चल सके, लेकिन किसानों के साथ धोखाधड़ी होने के कारण हर बार परेशान किसान ही होता है।

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