इधर, ७ जून को नगर पालिका ने दो साल बाद काम नहीं शुरू किए जाने को लेकर पीआईसी में प्रस्ताव रखकर ठेका निरस्त कर दिया है। एसे में पार्क निर्माण का काम अटक गया है। दरअसल कुछ माह बाद नगरीय निकाय के चुनाव होने हेै, आचार संहिता लगने पर नया ठेका होने की फिलहाल संभावना भी नहीं दिख रही है। ऐसे में अमृत सिटी योजना का सपना कैसे पूरा हो क्योंकि अभी तक अमृत सिटी योजना के तहत एक भी काम पूरा नहीं हुआ है।
नगर में अमृत सिटी योजना से एक पार्क जवाहरगंज मुक्तिधाम की जगह पर ३५ लाख रुपए की लागत से और दूसरा पार्क का निर्माण ग्वालियर-झांसी हाइवे ट्रेचिंग ग्राउंड में ३७ लाख रुपए की लागत से कराए जाने का वर्क ऑर्डर दो साल पहले जारी किया गया। दोनों पार्क का ठेका सिंह कंस्ट्रेक्शन ठेकेदार गुरुमुख सिंह को दिया गया। दो साल बीतने के बाद भी दोनों स्थानों के पार्क डवलप नहीं हो पाए है। जिससे लेटलतीफी बनी रही। वर्क आर्डर जारी होने के काफी लम्बे समय तक इंतजार करने के बाद नगर पालिका की पीआईसी ने आखिरकार ठेका निरस्त कर दिया है।
जवाहरगंज क्षेत्र में एक भी पार्क नहीं जवाहरगंज क्षेत्र में एक भी पार्क नहीं है जिससे वहां के लोगों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिसे देखते हुए नगर पालिका ने अमृत सिटी योजना के तहत जवारगंज मुक्तिधाम से लगी जगह को पार्क के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव बनाया था। पार्क नहीं होने से जवाहरगंज क्षेत्र की करीब ४० हजार की आबादी प्रभावित है।
राशि राजसात के लिए भेजा प्रस्ताव काम शुरू नहीं किए जाने को लेकर कई बार नोटिस दिए गए थे। पीआईसी में प्रस्ताव रखकर ठेका निरस्त कर दिया गया है। अमानत राशि राजसात किए जाने की कार्रवाई के लिए मुख्य अभियंता को लिखा गया है।
नगरीय निकाय भोपाल को प्रस्ताव भेजा है। शासन स्तर पर अमानत राशि राजसात होगी। जल्द ही नया टेंडर निकाला जाएगा।
कुलदीप रघुवंशी: सहायक यंत्री, नगर पालिका डबरा