पीडियाट्रिक आईसीयू वार्ड बनाने को लेकर भी प्रस्ताव है। हालांकि जगह का अभाव बना हुआ है। पुरानी बिङ्क्षल्डग आधी टूट गई और नवीन बनकर तैयार नहीं है। ऐसे में जगह की कमी बनी है।
मेटरनिटी के पुराने वार्ड को आईसीयू बनाने को लेकर अब एक वार्ड बचा है। ऐसे में समस्या आ रही है। प्रसूताओं की संख्या बढऩे पर गैलरी में पलंग बिछाए जा रहे है। जिससे अव्यवस्था बनी है।
पूर्व में भी आईसीयू के लिए प्रयास किए गए, आईसीयू कक्ष भी बनवाया गया था। केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र तोमर ने ५० लाख रुपए का बजट पास कराया था। कुछ मशीनें भी आई थीं लेकिन डॉक्टरों की कमी ने ग्रहण लगा दिया था। वर्तमान में उस बिङ्क्षल्डग में बच्चों का एनबीएसयू संचालित है। करीब दो माह पहले ८ बैड का आईसीयू निर्माण को लेकर काम शुरू है। सीङ्क्षलग सेंट्रल एसी का काम अभी पूरा नहीं हो पाया है साथ ही सीएनए यानि ऑक्सीजन लाइन आदि कार्य होना है। लेकिन भुगतान के चलते १५ दिन से काम रूका है।