यहां बता दे कि पुराने मेटरनिटी वार्ड को आईसीयू के लिए डवलप किया गया है। जिससे कई प्रसूताओं को गैलरी में शिफ्ट करना पड़ता है। वजह, अभी एक ही मेटरनिटी वार्ड अस्पताल प्रबंधन के पास है। जगह अभाव के चलते गैलरी में पलंग बिछाए गए है। जिससे अव्यवस्था बनी हुई है। समयावधि निकलने के बाद भी नवीन भवन का निर्माण कार्य ५० फीसदी ही हो पाया है। ऐसे में पुराने भवन में कक्षों का अभाव बना हुआ है। पिछले दिनों वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने भी अस्पताल भवन के निर्माण कार्य में गति लाने के लिए ठेकेदार को कहा है, लेकिन इसके बाद भी धीमी गति बनी है।
जल्द बनेगा बच्चों का आईसीयू
पीडियाट्रिक आईसीयू वार्ड बनाने को लेकर भी प्रस्ताव है। हालांकि जगह का अभाव बना हुआ है। पुरानी बिङ्क्षल्डग आधी टूट गई और नवीन बनकर तैयार नहीं है। ऐसे में जगह की कमी बनी है।
पीडियाट्रिक आईसीयू वार्ड बनाने को लेकर भी प्रस्ताव है। हालांकि जगह का अभाव बना हुआ है। पुरानी बिङ्क्षल्डग आधी टूट गई और नवीन बनकर तैयार नहीं है। ऐसे में जगह की कमी बनी है।
गैलरी में प्रसूताएं
मेटरनिटी के पुराने वार्ड को आईसीयू बनाने को लेकर अब एक वार्ड बचा है। ऐसे में समस्या आ रही है। प्रसूताओं की संख्या बढऩे पर गैलरी में पलंग बिछाए जा रहे है। जिससे अव्यवस्था बनी है।
मेटरनिटी के पुराने वार्ड को आईसीयू बनाने को लेकर अब एक वार्ड बचा है। ऐसे में समस्या आ रही है। प्रसूताओं की संख्या बढऩे पर गैलरी में पलंग बिछाए जा रहे है। जिससे अव्यवस्था बनी है।
पुराने आईसीयू कक्ष में एनबीएसयू संचालित
पूर्व में भी आईसीयू के लिए प्रयास किए गए, आईसीयू कक्ष भी बनवाया गया था। केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र तोमर ने ५० लाख रुपए का बजट पास कराया था। कुछ मशीनें भी आई थीं लेकिन डॉक्टरों की कमी ने ग्रहण लगा दिया था। वर्तमान में उस बिङ्क्षल्डग में बच्चों का एनबीएसयू संचालित है। करीब दो माह पहले ८ बैड का आईसीयू निर्माण को लेकर काम शुरू है। सीङ्क्षलग सेंट्रल एसी का काम अभी पूरा नहीं हो पाया है साथ ही सीएनए यानि ऑक्सीजन लाइन आदि कार्य होना है। लेकिन भुगतान के चलते १५ दिन से काम रूका है।
पूर्व में भी आईसीयू के लिए प्रयास किए गए, आईसीयू कक्ष भी बनवाया गया था। केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र तोमर ने ५० लाख रुपए का बजट पास कराया था। कुछ मशीनें भी आई थीं लेकिन डॉक्टरों की कमी ने ग्रहण लगा दिया था। वर्तमान में उस बिङ्क्षल्डग में बच्चों का एनबीएसयू संचालित है। करीब दो माह पहले ८ बैड का आईसीयू निर्माण को लेकर काम शुरू है। सीङ्क्षलग सेंट्रल एसी का काम अभी पूरा नहीं हो पाया है साथ ही सीएनए यानि ऑक्सीजन लाइन आदि कार्य होना है। लेकिन भुगतान के चलते १५ दिन से काम रूका है।