किसानों ने थाने का किया घेराव
ग्वालियर में आयोजित कार्यक्रम में आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक किसान नहीं पहुंचे एवं उनके कार्यक्रम के दौरान विरोध प्रदर्शन न हो सके। इस बात को लेकर स्थानीय पुलिस ने दो किसान नेताओं को सुबह उनके घर से उठाया और थाने में दोपहर 1.30 बजे तक बैठाए रखा। करीब 7 घंटे तक नजरबंद रखा। इस बात पर किसान नेताओं का कहना है कि सरकार आवाज दबाने का प्रयास कर रही है जो कि गलत है। हमें पुलिस ने उठाकर थाने में नजरबंद किया। ताकि किसान ग्वालियर नहीं पहुंच सकें।

रिहा करों की मांग को लेकर घेराव-
इस बात की जानकरी मिलते ही अन्य कांग्रेसी एवं किसान नेता सिटी थाने पहुंचे और घेराव कर दिया। थाना प्रभारी से मुलाकत कर पूछा कि पुलिस नेताओं को कहां ले गई है और कहां रखा है। इस बात का विरोध प्रदर्शन करते हुए पुलिस प्रशासन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए और हमारे नेता को कहा रखा है रिहा करों की मांग को लेकर घेराव किया। हालांकि समझाइस के बाद वे मान गए। करीब 20 मिनट तक थाने का घेराव किया गया।
रविवार को ग्वालियर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराजङ्क्षसह चौहान शामिल हो रहे है इस बात की सूचना पर किसान नेताओं ने चक्काजाम के दौरान मंच से मुख्यमंत्री का घेराव करने की बात कही थी। जिसे लेकर प्रशासन ने सर्तकता बरतते हुए किसान आंदोलन में सक्रिय नेता गुलाबसिंह और राज रावत को उनके घर से उठाया। राज रावत ने बताया कि पुलिस उन्हें उनके घर शिवकॉलोनी से सुबह 7 बजे अपने साथ ले गई और आंतरी थाने में बैठाया रखा। इसी प्रकार गुलाबसिंह रावत ने बताया कि उन्हें भी पुलिस ने गांव से दूध देने डबरा आने के दौरान पकड़ा और अपने साथ पिछोर थाने ले गए। दोपहर 1.30 बजे तक उन्हें थाने में नजरबंद रखा गया। सिटी थाने में विरोध बढ़ता देख गुलाबसिंह को पिछोर थाने से सुबह 11 बजे आरोन थाने ले गए।
रात से ही घेराबांदी की गई- चक्काजाम के दौरान मंच से गुलाबसिंह रावत ने ग्वालियर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का घेराव करने की बात कही थी इसे लेकर प्रशासन अलर्ट हो गया और उनको नजरबंद करने के लिए रात से ही घेराबांदी शुरू कर दी थी। गुलाबसिंह रावत ने बताया कि रात में पहले अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को फोन आया और फिर थाना प्रभारी ने बात की। मना करने पर रविवार को सुबह जब वे गांव से दूध लेकर डबरा स्थित अपने गांव लौट रहे थे इस दौरान 100 डायल वाहन ने पीछा करते हुए पकड़ा और थाने ले गए। इस संबंध का वीडिया वायरल भी हुआ है। नेताओं के नजरबंद किए जाने के चलते किसान ग्वालियर नहीं पहुंच सके है। उन्होंने कहा कि ऐसा करके सरकार गलत कर रही है। आवाज दबाने का प्रयास लोकतंत्र की हत्या है।
आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार ऐसा करके गलत कर रही है। नजरबंद करना सरकार की गलत बात है। अपराधियों की तरह ले जाना कहां का न्याय है। किसान एकजुट है। पार्टी किसान आंदोलन के समर्थन में उनके साथ खड़ी है।
महेन्द्र लाला चतुर्वेदी - जिला संगठक सेवादल कांग्रेस
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