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40 गांव की पंचायत में चचेरे भाइयों के बीच 15 साल से चल रहा विवाद निपटा

locationडबराPublished: Mar 06, 2019 07:55:40 pm

Submitted by:

Gaurav Sen

40 गांव की पंचायत में चचेरे भाइयों के बीच 15 साल से चल रहा विवाद निपटा

forty village panchayat organise in dabra

40 गांव की पंचायत में चचेरे भाइयों के बीच 15 साल से चल रहा विवाद निपटा

डबरा/चीनोर। क्षेत्र के प्राचीन बलारी माता मंदिर पर मंगलवार को 40 गांव के पंचों समेत सर्वसमाज की महापंचायत में चचेरे भाइयों के बीच 15 साल से चल रहे विवाद का पटाक्षेप हुआ। जमीनी विवाद को लेकर इनके बीच रंजिश चली आ रही थी, जिसमें दोनों ही परिवार के लोग एक दूसरे को थाना कचहरी में खींच रहे थे, जिससे दोनों परिवारों में अशांति का माहौल था। महापंचायत में दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गईं और फैसला सुनाया। जिसे दोनों ही पक्षों में मान्य किया। महापंचायत ने फैसले में यह भी तय किया अगर कोई पक्ष फैसले के खिलाफ जाएगा तो उस पर 51000 रुपए का अर्थदंड लगेगा।

चीनोर निवासी दौलत सिंह और उसके चचेरे भाइयों गजराज सिंह, देवीसिंह और पूरन सिंह के बीच 15 साल से जमीन को लेकर विवाद चला आ रहा था। दोनों पक्ष न्यायालय में पहुंचे। दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ा हुआ था कि दौलत सिंह चचेरे भाइयों से मारपीट के मामले में झूठी शिकायत पर 15 दिन की जेल काट चुका है। इस बात का खुलास महापंचायत में हुआ। वहीं दौलत सिंह ने देवी सिंह के पुत्र राजबहादुर को गंाजे के मामले में फंसा दिया था। उस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था जिसे 1 मार्च को जमानत पर छोड़ा गया।

26 फरवरी को देवी सिंह की ओर से 20 गांव के सर्वसमाज की पंचायत बुलाई गई थी, जिसमें देवी सिंह ने आरोप लगाया था कि दौलत सिंह ने मेरे बेटे राजबहादुर को गांजे के केस में फंसाकर जेल भिजवा दिया था, जिसमें पंचों ने फैसला दिया था कि दोषी कौन है इस बारे में न्यायालय तय करेगा। इस पंचायत में दौलत सिंह को नहीं बुलाया गया था, जिसमें पंचायत के लोगों ने थाने में आवेदन दिया कि राजबहादुर निर्दोष है उसे झूठा फंसाया गया है। उसे छोड़ा जाए नहीं तो एसपी कार्यालय का घेराव किया जाएगा। एक मार्च को एसपी कार्यालय में आवेदन दिया तब दो मार्च को कोर्ट के आदेश पर राजबाहुदर को जमानत मिली।

इसके बाद मंगलवार को दौलत सिंह कुशवाह ने बलारी माता मंदिर पर 40 गांव की पंचायत बुलाई, जिसमें दौलत सिंह ने अपना गुनाह कबूल किया कि उसने रंजिश के चलते राजबहादुर के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इसके पीछे उसने कारण बताया कि पूर्व में इन लोगों ने उस पर मारपीट का मामला झूठा दर्ज कराया था, जबकि मैं मौके पर नहीं था। इस मामले में उसे 15 दिन की जेल हुई थी। दोनों पक्षों ने अपनी दलालें पंचायत के सामने रखीं, जिसमें पंचायत ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद दोनों के बीच सुलह कराई। पंचायत ने एक पंचनामा भी तैयार किया जिस पर दोनों पक्षों के हस्ताक्षर कराए। पंचायत ने यह भी फैसला किया कि जो भी पंचायत के फैसले के खिलाफ जाएगा उस पर पंचायत की ओर से 51000 रुपए का अर्थदंड लगाया जाएगा। इसके बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को गले लगाया और पैर छूकर एक-दूसरे से माफी मांगी। पंचायत में मंगल सिंह मंडेलिया पंच ग्राम भागीरथपुरा, पवित्र सिंह सरदार पंच नोन की सराय रूध, भारत सिंह कुशवाह सरपंच चीनोर, सुल्तान खां पंच चीनोर, जरदान सिंह मौर्य सरपंच नोन की सराय, लखन सिंह कुशवाह सरपंच बनवार आदि मौजूद थे।

पंचायत की अच्छी पहल
दोनों पक्षों का जमीनी विवाद था जिसकी मंगलवार को पंचों ने सुलह करा दी। विवाद को लेकर दोनों के बीच 15 साल से मनमुटाव था और परिवार में एक-दूसरे के घर आना जाना नहीं था। यह अच्छी पहल पंचायत ने की है। ऐसे फैसले अगर समाज में सर्वसमाज की पंचायत में आपसी सूझबूझ से सुलझ जाएं तो कोर्ट कचहरी से बचा जा सकता है।
पवित्र सिंह, पंच नोन की सराय

परिवार में आपसी विवाद से तीसरे पक्ष को फूट का पूरा फायदा मिलता है, जिसमें राजनीतिक रोटियां सेंकी जाती हैं। आज जो सुलह हुई है वह अच्छा हुआ है। ऐसी सुलह हर परिवार में हो।
नृपत सिंह किरार, पूर्व सरंपच ग्राम छिदा

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