हाइवे पर ग्वालियर से डबरा तक करीब २०० गहरे गड्ढे भी बने है साथ ही कई खतरनाक मोड़ है। बारिश के दौरान गड्ढ़ों में पानी भरने से और समस्या बनती है और पानी भरे होने की वजह से हादसे होते हेै। अभी थोड़ी सी बारिश में ही गड्ढों में पानी भर जाता है जिस ओर भी हाइवे ऑथोरिटी का कोई ध्यान नहीं है। हालांकि रामगढ़ पुल नगर पालिका निकाय में शामिल हो गया है ऐसे में नपा भी उक्त पुल को दुरुस्त करवा सकती है। लगातार रामगढ़ पुल पर वाहनों का दबाब बढ़ता ही जा रहा है और जब से पुल का निर्माण हुआ है तब से एक भी बार रामगढ़ पुलिया की मरम्मत तक नहीं कराई गई है। जिससे वर्तमान में पुल पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। दोनों ओर की पुलियां टूट चुकीं है जिससे वह भाग खुल गया है और एसे में यह पुल सुरक्षित नहीं है। पुल पर भी गहरे गड्ढे बन गए है।
गड्ढे भी हादसे का सबब हाईवे पर जौरासी घाटी, कल्याणी तिराह, सिमरिया -समुदन, चांदपुर और अडूपुरा क्षेत्र आदि कई जगह खतरनाक मोड़ बने है साथ ही कई गहरे गड्ढे बने होने की वजह से यह गड्ढ़े हादसे का सबब बने हुए है। यही वजह है कि हाइवे पर आए दिन हादसे होते हेै।
लगता है जाम भी पुल के संकरा होने पर आए दिन जाम लगता है जिसे लेकर कई बार लोगों की मांग उठी कि पुल की चौड़ाई बढ़ाई जाए हालांकि सिमरिया से हरीपुर तक फोरलेन मार्ग निर्माण के दौरान पुल का कायकल्प होना है। लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है।
हाइवे पर कब्जा भी ग्वालियर से डबरा तक जहां जहां हाइवे का निर्माण कार्य छूटा है वहां पर लोगों द्वारा पशु बांधकर, गोबर के कण्डे रखकर और यहां तक की फसले रखकर सड़क पर कब्जा कर लिया जाता है। जौरासी क्षेत्र, सिथोली, सिमरिया टेकरी, मकौड़ा आदि क्षेत्रों में वहां के लोग सड़क पर कब्जा किए है। जिससे हादसे का डर बना रहता है।