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प्रवासी मजदूरों को जिला सीमा में प्रवेश से रोका

locationडबराPublished: May 08, 2020 10:27:46 pm

Submitted by:

rishi jaiswal

सिंध पुल पर मजदूरों ने 2 घंटे तक किया विरोध-प्रदर्शन
 

प्रवासी मजदूरों को जिला सीमा में प्रवेश से रोका

प्रवासी मजदूरों को जिला सीमा में प्रवेश से रोका

डबरा. दिल्ली, फरीदाबाद और जयपुर से पैदल ग्वालियर से होते हुए डबरा पहुंचे सैकड़ों प्रवासी मजदूरों को दतिया जिला प्रशासन ने रोक दिया। इन्हें जिला सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया गया। इसके बाद मजदूरों ने सिंध पुल पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया और जाम लगा दिया। दो घंटे तक मजदूर सडक़ बैठे रहे। इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। दतिया जिला प्रशासन की हठ की वजह से काफी समय तक मजदूरों को परेशान होना पड़ा। हालांकि बाद में डबरा से एसडीएम राघवेन्द्र पांडे, तहसीलदार नवनीत शर्मा पहुंचे और मजदूरों को समझाया तब जाकर वे माने।
सभी मजदूरों को सिंध पुल के पास स्थित मॉडल स्कूल में ठहराया गया और उनके खाने की व्यवस्था कराई। दोपहर 2 बजे ग्वालियर से करीब 1६ बसें भेजी गई। सभी को बस द्वारा उनके घर भेजा गया। दो घंटे तक जिला सीमा पर मजदूरों का हंगामा बना रहा। यह सभी मजदूर झांसी, बांदा, छतरपुर,टीकमगढ़, पन्ना और सागर के है जो लॉकडाउन के कारण अपने घर पैदल ही निकल पड़े। इसमें 500 से अधिक मजदूर शामिल थे। बताया गया है कि करीब 100 मजदूर जयपुर से रात में ही यहां पहुंच गए थे लेकिन जिला दतिया ने उन्हें वहीं रोक दिया था। इस वजह से मजदूरों ने जिला सीमा प्वाइंट पर ही रात गुजारी। मजदूरों की इस भीड़ से सोशल डिस्टेंसिंग की हवा भी निकली।
सुबह 9 बजे जब डबरा प्रशासन को सूचना मिली कि सिंध पुल पर कई मजदूरों ने जाम लगा दिया है। इस प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल थी जो सडक़ पर बैठकर विरोध कर रही थी। एसडीएम राघवेन्द्र पांडे और तहसीलदार राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुंचे लोगों को समझाया। इसके बाद सभी को मॉडल स्कूल में ठहराया गया। इनके खाने की व्यवस्था संत वीरबल दास ट्रस्ट ने की। इस पूरे घटनाक्रम से कलेक्टर को भी अवगत कराया गया। कलेक्टर से चर्चा के बाद ग्वालियर से बसें भेजी गई। इसके बाद सभी को बस से रवाना कर दिया गया।
इस संबंध में एसडीएम राघवेन्द्र पांडे का कहना है कि दतिया जिला में प्रवेश नहीं दिए जाने को लेकर मजदूर जिला सीमा प्वाइंट पर बैठ गए थे। मौके पर पहुंचकर समझाया और मॉडल स्कूल में व्यवस्था की। कलेक्टर को अवगत कराया गया। चर्चा उपरांत 16 बसों से सभी मजदूरों को उनके गांवों तक रवाना कर दिया है।

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