छीमक गांव समेत ठेठियापुरा, छोटा बाबूपुर, समाया, छोटी अकबई के लिए छीमक स्थित लिडबा नदी पर चेक डैम बनाया गया था जिससे इन सभी गांव के लोगों को सिंचाई के लिए पानी मिल सके। लेकिन बनने के कुछ माह बाद डैम क्षतिग्रस्त हो गया है। 2012 से डैम क्षतिग्रस्त है जिसे अभी तक नहीं सुधरवाया गया है। क्षतिग्रस्त होने से पानी नहीं रुक पाता है जिससे जल्द पानी का बहाव बना है।
वर्ष 2008 मे विधायक फंड से चेक डैम का निर्माण करीब 11 लाख से अधिक की राशि लागत से हुआ था। चार साल बाद 2012 में डैम क्षतिग्रस्त हो गया। तभी से सिंचाई व्यवस्था भी प्रभावित है। किसान अम्बका दुबे, ओमप्रकाश श्रीवास्तव, किशोर सिह जाट, कृष्ण लाल दुबे, केशव सिंह जाट, राम साहू आदि ने बताया कि कई बार उनके द्वारा कलेक्टर को आवेदन दिया गया है। साथ ही जिला पंचायत को भी शिकायत की गई। 2014 मे जनपद सदस्य महादेवी महेन्द साहू ने किसानो की समस्या को देखते हुए चेक डैम की मरम्मत कराए जाने की आवाज उठाई थी इस संबंध में कलेक्टर को भी आवेदन दिया गया था। बताते है कि मरम्मत को लेकर बजट भी मंजूर कराया गया लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है।
9.72 लाख रुपए से बन रहा नया डैम
छीमक गांव की कृषि के लिए गांव में नरिया के पास पंचायत की ओर से चेक डैम बनाया जा रहा है। इस डैम से छीमक की ङ्क्षसंचाई बेहतर हो सकेगी। 9.72 लाख रुपए की लागत से डैम निर्माण कराया जा रहा है।
चेक डैम की मरम्मत को लेकर राशि मंजर हो गई है। नापजोख भी हो चुकी है। स्वीकृति मिलते ही काम को शुरू करवा दिया जाएगा। कौशल गुर्जर, सचिव