मंडी में गुरुवार को व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ गई। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी होता नहीं दिखा। आदेश, निर्देश, नियम कायदे सब कुछ ताक में रखकर मनमानी की जा रही है। व्यापारी-बिचौलिये मंडी कर्मचारी के आने से पहले ही खरीदी कार्य को अंजाम दे देते है। इसके साथ ही न तो भीड़ पर नियंत्रण हैं और न ही बिचौलियों पर रोक।
एडीएम किशोर कन्याल ने प्रशासन एवं व्यापारियों के साथ मंडी सभागार में एक बैठक ली थी। बैठक में एडीएम ने व्यापारियों एवं प्रशासन को आदेशित किया था कि अनाज बेचने आ रहे किसानों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग होना आवश्यक है। आढ़तियां मंडी प्रांगण में खरीदारी नहीं करेंगे। इसके लिए मंडी प्रशासन को व्यवस्था बनाए रखने के लिए निर्देश दिए थे। मंडी में आने वाले किसानों को सेनेटाइज करने का इंतजाम किया जाए। मंडी शुरू होते ही सारे निर्देश रखे रह गए। मंडी प्रबंधन की अनदेखी के चलते किसानों की भीड़ लगने लगी सेनेटाइजर का पता नहीं है। बिचौलियों ने किसानों को घेरा यह सब अव्यवस्थाएं देखने को मिल रही हैं।
कृषि उपज मंडी में आढ़तियों (बिचौलियों) द्वारा किसानों की फसल का मनमाना भाव लगाकर उन्हें लूटा जा रहा है। जबकि व्यापारी कभी बोली लगाने नहीं आते किसानों को कच्ची पर्ची दी जाती है। इससे व्यापारी मंडी टैक्स देने से बच रहे और मंडी के राजस्व को भी नुकसान पहुंच रहा है। जबकि कलेक्टर, एडीएम एवं एसडीएम द्वारा भी निर्देश दिए गए हैं कि मंडी प्रांगण में कोई भी आढ़तियां नजर नहीं आएगा।
सोशल डिस्टेंसिंग की निकली हवा: गुरुवार को मंडी में सुबह ही बिचौलिये पहुंच गए और कच्ची पर्ची पर खरीद कर ली। इसके बाद मंडी के कर्मचारी पहुंचे। स्थिति यह रही किसानों की अच्छी खासी भीड़ रही और सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जी उड़ी। आज मंडी में सभी नियमों को ताक पर रखकर सैकड़ों की संख्या में मंडी प्रांगण में बाहर से किसान आ रहे हैं। मंडी प्रशासन द्वारा सेनेटाइज करने की भी कोई व्यवस्था नहीं दिखी।
‘किसानों को बार-बार सोशल डिस्टेंसिंग के लिए समझाइश दी जा रही है। हमारा स्टाफ भी खरीद के समय वहां पर मौजूद रहता है ताकि सोशल डिस्टेंसिंग न टूटे। खरीद भी नियमानुसार की जा रही है।’ – ब्रिजेन्द्र सिंह तोमर, सचिव, कृषि उपज मंडी, डबरा