ग्राम पंचायत अजयगढ़ के गांव बरगवां के मोहन (40) पुत्र भिम्मा आदिवासी और दौलत (35) पुत्र माठू आदिवासी और अशोक आदिवासी रविवार की देर शाम मछली पकडऩे के लिए गांव के पास स्थित नाले के रपटे पर गए थे, लेकिन पानी के तेज बहाव के कारण दौलत और मोहन पानी में बह गए। किनारे पर मौजूद तीसरा साथी अशोक पानी में कूद गया और मोहन को बाहर ले आया, लेकिन मोहन की मौत हो गई। दौलत सिंह पानी में बह गया था।
शव घटनास्थल से तीन किमी दूर मिला
हालांकि थाना प्रभारी ने एसडीआरएफ की टीम को सोमवार की सुबह बुला लिया और टीम देर शाम तक नाव की मदद से दौलत सिंह के शव को खोजने जुटी रही, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। मंगलवार की सुबह छह बजे एसडीआरएफ की टीम ने फिर सर्च ऑपरेशन शुरू किया तो आठ बजे के घटनास्थल से तीन किलोमीटर दूर शव झाडिय़ों के पास फूली हुई हालत में मिल गया।
हालांकि थाना प्रभारी ने एसडीआरएफ की टीम को सोमवार की सुबह बुला लिया और टीम देर शाम तक नाव की मदद से दौलत सिंह के शव को खोजने जुटी रही, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। मंगलवार की सुबह छह बजे एसडीआरएफ की टीम ने फिर सर्च ऑपरेशन शुरू किया तो आठ बजे के घटनास्थल से तीन किलोमीटर दूर शव झाडिय़ों के पास फूली हुई हालत में मिल गया।
बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
दौलत आदिवासी के 6 बच्चे हैं, जिनमें 5 लड़कियां और एक लडक़ा है। 5 लड़कियों में वर्षा (15), पूनम (13), जूली (9), कविता (7), रश्मि (5) एवं बेटा छोटू आदिवासी (2) का है। दौलत मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करता था, लेकिन अब परिवार पर आर्थिंक संकट आ गया है।
दौलत आदिवासी के 6 बच्चे हैं, जिनमें 5 लड़कियां और एक लडक़ा है। 5 लड़कियों में वर्षा (15), पूनम (13), जूली (9), कविता (7), रश्मि (5) एवं बेटा छोटू आदिवासी (2) का है। दौलत मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करता था, लेकिन अब परिवार पर आर्थिंक संकट आ गया है।
छह भाइयों में पांचवें नंबर का था दौलत
दौलत के भतीजे धर्मेंद्र आदिवासी ने बताया कि हमारा परिवार मजदूरी करके अपना जीवन यापन करता है। उसने बताया कि दौलत छह भाइयों में पांचवें नंबर का था।
दौलत के भतीजे धर्मेंद्र आदिवासी ने बताया कि हमारा परिवार मजदूरी करके अपना जीवन यापन करता है। उसने बताया कि दौलत छह भाइयों में पांचवें नंबर का था।