ओवरब्रिज के नीचे नगर पालिका न वर्ष 2011 में 132 दुकानों का निर्माण कराया था। ओवरब्रिज के नीचे और सड़क पर दुकानों का निर्माम कराए जाने को गलत मानते हुए हाईकोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिसंबर 2012 में निर्माण काय न कराए जाने को लेकर स्थगन आदेश जारी किया था। बावजूद इसके नगर पालिका ने स्टे के बाद भी दुकानों का निर्माण जारी रखा। हाईकोटे ने इसे कोर्ट की अवमानना माना और नपा को दोषी मानते हुए दुकानों को तोड़े जाने का आदेश सुनाया।इसके बाद 20 अप्रैल को नगर पालिका ने अमला लगाकर मशीनों की सहायता से सभी दुकानों को जमीदोंज कर दिया लेकिन मलबे को वहीं छोड़ दिया। पूरे रेलवे लाइन से इस तरफ पूरे ओवरब्रिज के नीचे मलबा के ढेर पड़े हैं।
इसके ओवरब्रिज के नीचे बदसूरती दिखाई दे रही है। साथ ही यहां गंदगी भी फैल रही है। इसके अलावा आरसीसी का मलबा जिसे नगर पालिका ने मशीन से तुड़वाया है वह लटक रहा है इसमें से सरिया निकल रहे हैं। ओवरब्रिज पर दबाव के चलते इस लटके हुए भारी भरकर मलबे के गिरने का भय बना हुआ है। गर्मी का सीजन चल रहा है। दोपहरी में गांवों से खरीदारी करने आने वाले लोग इस मलबे के पास छाया में बैठ जाते हैं उन्हें भी खतरा पैदा हो गया है।
दुकानें आईं सड़क पर लगता है जाम ओवरब्रिज के नीचे नगर पालिका की दुकानों में स्थगन के बाद से अवैध रूप से दुकानदारों ने कब्जा कर लिया था। सभी दुकानों में सामान रखा था और बिक्री चल रही थी। लेकिन नगर पालिका द्वारा इन दुकानों को ढहाए जाने के बाद दुकानदारों ने अब अपनी दुकानें सड़क पर जमा ली हैं जिससे बाजार में सड़क काफी सकरी हो गई है।
ओवरब्रिज के नीचे दोनों तरफ दुकानों के जम जाने से दिनभर रास्ता जाम होता रहता है। स्थिति यह बनती कि लोगों को पैदल निकलने तक भी दिक्कत होती है। इसके अलावा दुकानों पर खरीदारी करने आने वाले ग्राहक भी अपने दुपहिया वाहन इन सड़क पर जमी दुकानों के सामने रख रहे हैं जिससे हालात काफी खराब हो रहे हैं। दिनभर बाजार में हौचपौच की स्थिति बनी रहती है।
परिषद में प्रस्ताव रखा गया है। जल्दी ही टूटी दुकानों का ओवरब्रिज के नीचे से मलबा हटाने का काम शुरू कराया जाएगा। मलबा हटाते हुए वहां पार्किंग बनाने का काम कराया जाएगा।
पीके सिंह, सीएमओ नगर पलिका डबरा
पीके सिंह, सीएमओ नगर पलिका डबरा