हालांकि अन्य दिनों में ग्रामीण पटिया व बिजली के खंभे डालकर अस्थाई पुल बनाकर निकलते हैं। कई बार बारिश के दिनों में जान जोखिम में डालकर यह ग्रामीण निकलते हैं। सिरसा सेकरा के बीचों-बीच यह नदी आती है। जिस कारण इन गांवों के लोगों को काफी परेशानी होती है। स्कूल जाने के लिए भी बच्चे बिजली के खंभे पर चलकर नदी पार करते हैं।
बनवारी धानुक, उदयभान गुर्जर, राधाकृष्ण परिहार ने बताया कि कई बार पंचायत को पुल निर्माण कराए जाने के लिए बोला गया है, चुनाव के समय आने वाले प्रतिनिधियों को आवेदन दिए हंै। लेकिन किसी ने भी पुल निर्माण को लेकर कोई प्रयास नहीं किए हंै। जिससे बारिश के दिनों में हालात बिगड़ते हैं।
कई गांवों का आवागमन बंद हो जाता है। इस रास्ते से नदी पार करके करीब 12 गांव आते है जिसमें इकहरा, चरखा, गड़ाजर, बरौआ, सोंताखिरिया, घाटमपुर, सेकरा, करोरा आदि शामिल हैं।