धान के पलेवा के लिए इस बार हरसी डैम से पानी मिल पाना मुश्किल
किसानों की चिंता बढ़ी हरसी बांध सूखने के कगार पर

डबरा. हरसी बांध में पानी नहीं होने से इस बार कृषि पर संकट के बादल मंडराए हुए है क्योंकि ऐसे में इस बार धान के पलेवा के लिए भी पानी नहीं मिल सकेगा जिस कारण धान का कटोरा कहलाने वाला यह क्षेत्र खाली रह जाएगा। हालांकि पिछले तीन साल से लगातार क्षेत्र अल्प बारिश होने की वजह से नुकसान उठा रहा है। ऐसे में किसानों की फिर चिंता बढ़ गई है कि हरसी बांध में पानी नहीं होने से वे अपनी फसलें कैसे करेंगे। पिछले साल बांध में पानी होने से २३ जून को हरसी बांध से पानी छोड़ा गया था और मानसून २७ जून को आया था। इस बार बांध में पानी नहीं होने से संकट बना हुआ है और क्षेत्र में मानसून २५ जून के बाद ही आता है।
डबरा क्षेत्र की सामान्य वर्षा ७५१ एमएम है और औसतन बारिश ७१० एमएम है। हालांकि पिछले तीन साल २०१५, २०१६ और २०१७ में अल्प बारिश हुई है जिस कारण औसतन बारिश से भी कम होने से कृषि कार्य प्रभावित हुआ है यही कारण है कि पिछले साल धान महज ४९५० हैक्टेयर रकवा में हुई थी जबकि कृषि विभाग की ओर से २२५०० हैक्टेयर धान लगाए जाने का लक्ष्य दिया गया था। जिसके पीछे अल्प बारिश होना थी उस समय ३० अक्टूबर तक ४९५ एमएम बारिश हुई थी यह तब संभव हो पाया था जब हरसी बांध से पलेवा के साथ एक बार सिंचाई के लिए पानी मिला था। इसलिए इस बार किसान मानसून आने का इंतजार कर रहा है और सिर्फ मानसून पर ही निर्भर है। इधर, कृषि विभाग भी इस बात को लेकर चिंतित बना हुआ है कि आखिर खरीफ फसल के लक्ष्य कैसें पूरे होंगे। क्योंकि पिछले साल मात्र २० फिसदी की धान की फसल हो पाई थी। लेकिन इस बार तो बांध भी सूखा है।
धान की नर्सरी के लिए पानी आवश्यक
कृषि विभाग के मुताबिक १५ जून के बाद से धान की नर्सरी लगना शुरू हो जाती है लेकिन इस बार कई लोगों के बोर भी सूख गए है ऐसे में पानी अभाव के कारण धान की नर्सरी भी प्रभावित होगी और कम होगी।वे ही किसान जिनके पास पानी की पर्याप्त व्यवस्था है वे ही किसान धान की नर्सरी कर पाएंगे। २०११, २०१२, २०१३, २०१४, यह चार साल में बारिश अच्छी हुई थी। २०१५ से बारिश नहीं हो रही है लेकिन इस बार अच्छी बारिश की उम्मीद जताई जा रही है।
इस बार बांध में पानी नहीं
इस बार बांध में भी पानी नहीं है ऐसे में किसान मानसून आने का इंतजार कर रहे है। धान की नर्सरी के लिए अभी समय है। १५ जून के बाद से लगाना शुरू होती है। अपने यहां मानसून २५ जून के बाद ही आता है। पिछले तीन साल से बारिश औसतन बारिश से भी कम हो रही है।
बीके मिश्रा, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी डबरा
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