इधर, महत्वपूर्ण बात यह है कि पीपीई किट की गुणवत्ता खराब होने की वजह से टीम के सदस्यों को गर्मी में ज्यादा परेशान होना पड़ा। दरअसल यह किट गुणवत्ता खराब होने की वजह से गर्मी करने लगी टीम के सदस्यों ने बताया कि सैंपल लेने के दौरान उन्हें काफी परेशानी हुई। वे पीपीई किट पहनने के दौरान पसीना पसीना हो गए। साथ ही इन लोगों ने पीपीई किट की गुणवत्ता पर सवाल उठाए है।
सुबह 11 बजे टीम डबरा पहुंची। टीम के डॉ. अक्षत पुरोहित, संदीप प्रधान, पुष्पेन्द्र गोयल और विपिन श्रीवास्तव ने 184 लोगों के सैंपल लिए। इसमें शहर के दो परिवार के संपर्क में आने वालों समेत बाहर के लोग भी शामिल है। इन सभी की बुधवार को रिपोर्ट आएगी।
इधर, सैंपल लेने के दौरान टीम के सदस्यों की हालात बिगड़ गई। चारों सदस्यों को गर्मी की वजह से चक्कर आने लगे। टीम का आरोप है कि नई पीपीई किट सही नहीं है। पीपीई किट पहनने से गर्मी ज्यादा लगने लगी और पसीना पसीना होने से सभी की हालात बिगड़ी। पहले वाली किट में कोई परेशानी नहीं हुई थी। मंगलवार को सैंपल लेने में सभी सदस्यों की हालत बिगड़ी।
जवाहर कॉलोनी में एक 20 साल की युवती में कोरोना संक्रमण पाए जाने के बाद प्रशासन ने मंगलवार को संबंधित क्षेत्र को सील करते हुए कंटेंमेंट घोषित किया। साथ ही क्षेत्र को सेनेटाइज किया। वहीं अब संक्रमित के परिवार की संपर्क हिस्ट्री भी निकाली जा रही है।
‘लेमीनेटेट कीट आई है। यह प्लास्टिक कोटेड है जिससे हवा पास नहीं होती है। वैसे यह किट आईसीयू के वातावरण के लिए होती है। एक जैसी सप्लाई होने के कारण यह हुआ होगा। किट की गुणवत्ता खराब नहीं है। पहले और अब मौसम में परिवर्तन है, नौतपा भी चल रहा है। यह भी एक कारण हो सकता है।’ – डॉ. अमित रघुवंशी, कोरोना नोडल अधिकारी, ग्वालियर