ग्राम कैरुआ में करीब एक माह पहले दोनों ट्रांसफॉर्मर जल गए थे। जिसके चलते गांव में बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी। गांव में बिजली नहीं होने से नलजल योजना ठप हो गई और पेयजल संकट गहरा गया है। ग्रामीणों ने कई बार बिजली कंपनी के अधिकारियों को शिकायतें की लेकिन कंपनी के अफसर इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है।
एक कुएं पर है आश्रित मोहल्लेवासी : बिजली नहीं होने के कारण गांव के मेरी मोहल्ला, ठाकुर मोहल्ला, जाटव मोहल्ला सहित पूरे गांव में पेयजल का संकट है। ऐसे में सभी लोग गांव के इकलौते कुएं से पानी भर रहे है।
संक्रमण का खतरा बढ़ा : कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से लॉक डाउन चल रहा है। भीड़ पर प्रतिबंध है। लेकिन कैरूआ गांव में ग्रामीणों का घर से निकलना मजबूरी बन गया है। पेयजल की व्यवस्था के लिए ये लोग कुएं और हैंडपंपों पर जाने के लिए मजबूर है। ऐसे में यहां पर पानी भरने वालों की भीड़ लगती है जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
मच्छरों का प्रकोप बढ़ा : गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है और मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। लेकिन पंखे न चल पाने के कारण लोगों को मच्छरों के कारण परेशानी उठानी पड़ रही है। मच्छरों के प्रकोप के चलते लोगों में बीमारियों के फैलने की आशंका है।
मोबाइल चार्ज करने जाना पड़ रहा दूसरे गांव : बिजली नहीं होने से ग्रामीणों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों को गेहूं पिसाने और मोबाइल चार्ज कराने के लिए दूसरे गांव जाना पड़ रहा है। गांव के नारायण सिंह परमार, मनोज श्रीवास्तव, मनोज श्रीवास्तव, राजा भैया बुंदेला, हाकिम जाटव का कहना है कि कई बार बिजली कंपनी को शिकायत कर चुके हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।