टीबी रोग पर और अधिक अंकुश लगाने के लिए 17 फरवरी से 3 मार्च तक प्रदेश भर में सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान शुरू होने जा रहा है। डबरा ब्लॉक में शहर के 15 स्थानों समेत 20 गांवों को चिन्हित किया है। सर्वे के दौरान टीमें संदिग्ध लोगों के बलगम का सैंपल लेंगी। डॉट्स प्रभारी अरविंद मौर्य ने बताया कि अभियान को लेकर तैयारी पूरी है। पांच टीमें गठित की है। टीमें टीबी के लक्षण पाए जाने वाले लोगों का सैंपल लेंगे।
लगा अंकुश: डॉट्स में दर्ज संख्या के मुताबिकवर्ष 2019 में 973 टीबी मरीजों की जांच की गई जिसमें 7 लोगों की टीबी के कारण मौत हुई। वर्ष 2018 में 794 मरीजों की संख्या दर्ज की गई थी और इलाज के दौरान 8 लोगों की मौत हुई थी। सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर अरविंद मौर्य ने बताया कि सर्वे के कारण समय पर टीबी मरीजों की जांच होने से और समय पर इलाज शुरू किए जाने से मौत का ग्राफ घटा है और जिनकी मौत हुई है उन्होंने बीच में दवा खाना छोड़ दिया।
500 रुपए मिलना भी कारण
डॉट्स का मानना है कि संख्या बढऩे के पीछे जागरूकता, सर्वे और डॉट्स के माध्यम से इलाज कराने के दौरान हर माह 500 रुपए मिलते है इस वजह से भी टीबी की जांच कराने वालों की संख्या सामने आ रही है।
सर्वे में शहर के यह इलाकें भी शामिल
डॉट्स प्रभारी के मुताबिक चिन्हित किए शहर के इलाकों में मिल वाली दफाई, छोटी वाली दफाई, कंचनपुर, इटायल, महावीरपुरा, खेरी, बरोठा दफाई, अंबेडकर कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी, लक्ष्मी कॉलोनी, बुजुर्ग दफाई, प्रेमनगर कॉलोनी और उपजेल डबरा शामिल है। इन क्षेत्रों से टीबी मरीज निकलते है इसलिए अभियान में यह क्षेत्र शामिल किए है। जो 6 वर्ष से छोटे है ऐसे बच्चों की जांच की व्यवस्था सिविल अस्पताल तथा जिला चिकित्सालय में शिशु रोग विशेषज्ञ द्वारा की जाएगी। एनजीओ की सहायता भी सक्रिय टीबी खोज अभियान में ली जाएगी जिससे खोज को एक जन अभियान बनाया जा सके।