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ग्रामीणों को नहीं मिल रही खांसी-जुकाम की दवां, बंद रहते है स्वास्थ्य केन्द्र

locationडबराPublished: May 25, 2020 12:19:29 am

Submitted by:

rishi jaiswal

छीमक का उप स्वास्थ्य केन्द्र इनदिनों औपचारिकता के तौर पर कुछ समय के लिए खुल रहा है। ग्रामीणों के लिए यह केन्द्र उपयोगी साबित नहीं हो रहा है। अस्पताल में किसी भी प्रकार की दवा नहीं है। लॉकडाउन की स्थित में ग्रामीणों को सामान्य जुकाम, खांसी व बुखार तक की दवा नहीं मिल पा रही है।

ग्रामीणों को नहीं मिल रही खांसी-जुकाम की दवां, बंद रहते है स्वास्थ्य केन्द्र

ग्रामीणों को नहीं मिल रही खांसी-जुकाम की दवां, बंद रहते है स्वास्थ्य केन्द्र

डबरा. कोरोना वायरस ने देश को हिलाकर रख दिया है लगातार पॉजिटिव केस बढ़ रहे हैं। हालांकि जिला एवं तहसील स्तर पर संक्रमण को रोकने के लिए तमाम उपाए किए जा रहे है। इधर, ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल होने से वहां के हालात खराब बने है।
वर्तमान में अधिकतर उप स्वास्थ्य केन्द्र बंद पड़े या काफी समय से खुले नहीं है। जो केन्द्र खुल भी रहे है वहां खांसी जुकाम तक की दवाएं उपलब्ध नहीं है। कोरेाना को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में निजी क्लीनिक भी बंद है। ऐसे में ग्रामीण कहां जाएं।
डबरा ब्लॉक में सिविल अस्पताल के अंतर्गत 29 उपस्वास्थ्य केन्द्र शामिल है। इसमें से करीब 12 केन्द्र कर्मचारी अभाव में रोज नहीं खुलते है। जबकि स्वास्थ्य विभाग ने गांवों में ही ग्रामीणों को उपचार मिल सके इसके लिए उपस्वास्थ्य केन्द्र खोले थे। यहां एक एएनएम और एमपीडब्यू की तैनाती की गई है।
एएनएम का काम स्वास्थ्य केन्द्र पर टीकाकरण के साथ ही ग्रामीणों को हल्की-फुल्की बीमारी में दवा देने के साथ ग्रामीणों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देना है। वर्तमान में उप स्वास्थ्य केन्द्र बंद पड़े है। ऐसे में ग्रामीणों की स्वास्थ्य की चिंता सता रही है।
जबकि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के चलते नगर के साथ-साथ गांवों में भी स्वास्थ्य सुविधा पर पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए पर ऐसा हो नहीं रहा है। जैसा ढर्रा पहले था वैसा ही अब भी बना है। जो उप स्वास्थ्य केन्द्र एक या दो घंटे खुल भी रहे हैं तो वहां कोई सुविधाएं नहीं हैं।
छीमक का उप स्वास्थ्य केन्द्र इनदिनों औपचारिकता के तौर पर कुछ समय के लिए खुल रहा है। ग्रामीणों के लिए यह केन्द्र उपयोगी साबित नहीं हो रहा है। अस्पताल में किसी भी प्रकार की दवा नहीं है। लॉकडाउन की स्थित में ग्रामीणों को सामान्य जुकाम, खांसी व बुखार तक की दवा नहीं मिल पा रही है।
इसी प्रकार लीटापुरा गांव का उप स्वास्थ्य केन्द्र तो लंबे समय से खुल ही नहीं रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि अस्पताल महीनों तक नहीं खुलता, ताला पड़ा रहता है। ग्रामीण इलाज के लिए परेशान हो रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसे समय में जब पूरी तरह से लॉकडाउन चल रहा है ग्रामीण दूसरी जगह इलाज के लिए नहीं जा सकते हैं तब स्थानीय अस्पताल का खुलना बहुत ही जरूरी है।
बेरु उप स्वास्थ्य केन्द्र रोज नहीं खुलता है माह में एक बार ही खुल रहा है। अकबई बड़ी उप स्वास्थ्य केन्द्र, बिलौआ का उपस्वास्थ्य केन्द्र और टेकनपुर उपस्वास्थ्य भी नियमित नहीं खुल रहे है।
प्राइवेट क्लीनिक बंद कहां जाएं मरीज – लॉकडाउन के चलते गांवों में प्राइवेट चिकित्सकों का जाना बंद है ऐसे में वहां स्वास्थ्य सेवाएं ठप है। पहले उप स्वास्थ्य केन्द्र के बंद रहने पर ग्रामीणों को परवाह नहीं थी वे निजी चिकित्सकों से इलाज करा लेते थे। फिलहाल इनके बंद होने से गांवों में बीमार होने वालों के सामने काफी संकट खड़ा हो गया है।
इनकी सुनें – उपस्वास्थ्य केन्द्र के कुछ कर्मचारियों की ड्यूटी डबरा या अन्य जगह लगाई गई है। फिऱ भी फील्ड के स्वास्थ्यकर्मियों को अपना दायित्व निभाने का जिम्मा दिया गया है। यदि वे दायित्व नहीं निभा रहे हैं तो उनकी जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी। कुछ केन्द्रों पर कर्मचारियों का अभाव है।
डॉ. सुरेन्द्र सिंह सोलंकी, बीएमओ, डबरा
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