scriptयह कैसी दूरीयां पड़ोसियों ने बनाई एक दूसरे से दूरीयां | What are the distances that neighbors make from each other | Patrika News

यह कैसी दूरीयां पड़ोसियों ने बनाई एक दूसरे से दूरीयां

locationडबराPublished: Mar 30, 2020 06:51:08 pm

Submitted by:

rishi jaiswal

बच्चे मोबाइल पर गेम खेलकर तो कुछ बच्चे टीवी में सीरियल देखकर तो कुछ बच्चे कैरम और लूडो खेलकर समय बीता रहे है। वहीं जिनके यहां बच्चे ज्यादा है उनके घरों में बच्चों के बीच लड़ाई झगड़ा होने से उनके घरों की कानून व्यवस्था बिगड़ गई है।

यह कैसी दूरीयां पड़ोसियों ने बनाई एक दूसरे से दूरीयां

यह कैसी दूरीयां पड़ोसियों ने बनाई एक दूसरे से दूरीयां

डबरा. कोरोना का कहर लोगों में इस कदर बैठ गया है कि पड़ोसी भी अब एक दूसरे से बात तक नहीं कर रहे है दूरियां बना ली है एक दूसरे के घर आना जाना बंद है। मोबाइल के माध्यम सेे यार, मित्र एक दूसरे के हाल-चाल जान रहे हेै।
रिश्तेदारों से बात भी मोबाइल और वीडियों कॉलिंग कर हाल चाल ले रहे हेै। कोरोना के खौफ ने लोगों में इतनी दूरियां बना दी है कि मन चाहकर भी लोग अपने रिश्तेदारों की भी मदद नहीं कर पा रहे है।
कमलेश्वर कॉलोनी में महादेव मंदिर के पास बुजुर्ग लोग दिनभर बैठकर ताश के पत्तेख्खेलकर समय बीताते थे अब वहां सन्नाटा पसरा है। बल्ला का डेरा में शाम के समय कई बुजुर्ग वहां बैठकर ताश खेलते थे।
ऐसे कई ठीए है जहां शाम को बुजुर्ग लोग मिलते थे लेकिन आज उन स्थानों पर भी लोग नहीं मिल पा रहे है और सन्नाटा पसरा है। रामजीवन ने बताया कि वे रोज शाम को ठहलने जाते थे और बल्ला का डेरा में सभी बुजुर्ग एकत्रित होकर ताश खेलते थे। लेकिन अब वे नहीं निकल रहे है जिससे उनका समय बीत नहीं रहा है।

तहसील रोड जहां दिनभर लोगों की भीड़ लगी रहती थी वहां भी मिस्त्रियों की दुकानें बंद होने से सन्नाटा पसरा है। कुछ लोग दूरी बनाकर एक स्थान पर बैठकर ताश खेल कर समय काट रहे है।
नगर का राजनैतिक चर्चा का ठीया संतोश चाय वाला चांदनी चौक जहां सुबह अनेक राजनीति में रुचि रखने वालों समेत कई बुद्धजीवी घूमने के दौरान वहीं बैठते थे जहां केन्द्र से लेकर स्थानीय राजनीति पर चर्चा होती थी वहां भी सन्नाटा पसरा रहता है।
लगातार लॉकडाउन होने की वजह से लोग अपने घरों में केद है ऐसे में लोग अपना समय अलग अलग तरीके से बिता रहे हेै। हिमांश कुमार जो कि शिक्षक है वे दिनभर पुराने गीत सुनकर और कविता लिखकर अपना समय बिता रहे हेै।
बच्चे मोबाइल पर गेम खेलकर तो कुछ बच्चे टीवी में सीरियल देखकर तो कुछ बच्चे कैरम और लूडो खेलकर समय बीता रहे है। वहीं जिनके यहां बच्चे ज्यादा है उनके घरों में बच्चों के बीच लड़ाई झगड़ा होने से उनके घरों की कानून व्यवस्था बिगड़ गई है।
द्वरिकादास गुप्ता ने बताया कि दुकान बंद होने से वे घर पर ही रह रहे है लेकिन समय नहीं बीत रहा पुरानी यादें ताजा कर समय बीता रहे है।

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